Aug 2, 2024, 10:16 PM IST

हिंदी की वो 5 किताबें जिनपर लगा Vulgar होने का टैग

Anurag Anveshi

किताब - मित्रो मरजानी, प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, लेखक - कृष्णा सोबती, मूल्य - 170

आलोचकों ने भले ही इसे अश्लील बताया हो, मगर किताब सवाल उठाती है कि एक स्त्री अपने सेक्स डिजायर का क्या करे?

किताब - हमज़ाद, प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन, लेखक - मनोहर श्याम जोशी, मूल्य - 100

तत्कालीन लेखकों की एक बिरादरी ने इस उपन्यास को अश्लील का तमगा दिया. लेकिन यह तत्कालीन व्यवस्था को नंगा करती है.

किताब - बिमल उर्फ़ जाएं तो जाएं कहां, प्रकाशक - नेशनल पब्लिशिंग हाउस, लेखक - कृष्ण बलदेव वैद, मूल्य - 226

उपन्यास में खुलकर सेक्स पर बात हुई है. इसकी भाषा ने 'शालीन' साहित्यकारों के माथे पर चिंता के बल हरदम पैदा किए हैं.

किताब - काशी का अस्सी, प्रकाशक - राजकमल प्रकाशन,  लेखक - काशीनाथ सिंह, मूल्य - 226

गालियों के कारण एक बड़ा तबका भले इसे अश्लील कहे मगर यह किताब सामाजिक तानेबाने को हमारे सामने लाती है.

किताब - चित्तकोबरा, प्रकाशक - राजकमल  प्रकाशन, लेखक - मृदुला गर्ग, मूल्य - 202

यह किताब एक स्त्री के द्वन्द्व को बारीकी से रखती है. भले इसका खूब विरोध हुआ हो, पर इसे पढ़कर हम प्रेम के सही मायने समझते हैं.