May 1, 2025, 01:59 PM IST

मोटी सैलरी वाली 8 नौकरियां जिनका कुछ साल पहले नहीं था नामोनिशान

Jaya Pandey

जॉब मार्केट लगातार विकसित हो रहा है और करियर के वे बेहतरीन अवसर पैदा हो रहे हैं जो 10 साल पहले तक मौजूद नहीं थे. आगे उनके बारे में जानें.

ब्लॉकचेन डेवलपर- ब्लॉकचेन टेक्निक ने क्रिप्टोकरेंसी से परे वित्त, स्वास्थ्य सेवा और लॉजिस्टिक्स जैसे उद्योगों में क्रांति ला दी है. ब्लॉकचेन आर्किटेक्चर में कुशल डेवलपर्स की मांग बहुत अधिक है. अनुभवी डेवलपर्स के लिए वेतन प्रति वर्ष 15 से 50 लाख रुपये तक हो सकता है.

एआई एथिक्स कंसल्टेंट- जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव अस्तित्व के हर संभावित क्षेत्र में पैठ बना रही है. पूर्वाग्रह, गोपनीयता आदि के इर्द-गिर्द नैतिक चिंताएं बढ़ रही हैं. रेगुलेटरी स्क्रूटनी का सामना करने वाली कंपनियों के साथ एआई एथिक्स कंसल्टेंट को बढ़िया वेतन मिलता है.

वीआर/एआर एक्पीरियंस डिजाइनर- वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी ने गेमिंग, हेल्थकेयर और शिक्षा में विस्तार किया है जिससे इमर्सिव डिजिटल अनुभव वाले विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है. AR/VR मार्केट के और भी व्यापक होने की उम्मीद है और इस क्षेत्र के पेशेवर अक्सर सालाना ₹10-₹30 लाख से ज़्यादा कमाते हैं.

क्लाइमेट चेंज एनालिस्ट- सरकारें और कई बिजनेस अक्सर ऐसे एक्सपर्ट की तलाश करते हैं जो पर्यावरणीय जोखिमों का आकलन कर सकें और पर्यावरण के अनुकूल स्ट्रैटजी विकसित कर सकें. क्लाइमेट पॉलिसी के कारण उद्योगों में बदलाव के साथ इस क्षेत्र के प्रोफेशनल्स को बढ़िया वेतन मिलता है. 

ई-स्पोर्ट्स कोच और मैनेजर- गेमिंग एक अरब डॉलर के उद्योग में तब्दील हो गया है जिससे टॉप खिलाड़ियों और टीमों के लिए पेशेवर कोचिंग और मैनेजमेंट भूमिकाएं सामने आई हैं. टॉप ई-स्पोर्ट्स कोच पारंपरिक खेल प्रशिक्षकों के बराबर कमा सकते हैं.

डिजिटल डिटॉक्स थेरेपिस्ट- जैसे-जैसे स्क्रीन की लत बढ़ती जा रही है, वेलनेस एक्सपर्ट बेहद जरूरी होते जा रहे हैं. ये लोगों के मानसिक संतुलन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. हाई-प्रोफाइल क्लाइंट कस्टमाइज्ड डिजिटल डिटॉक्स प्लान और थेरेपी के लिए लाखों रुपये खर्च करते हैं. 

इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग मैनेजर- सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अब ब्रांड विज्ञापन के लिए किंगपिन बन गए हैं जिसके लिए पार्टनरशिप की रणनीति बनाने और डिजिटल जुड़ाव को अधिकतम करने के लिए समर्पित पेशेवरों की जरूरत होती है. कंपनियां इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में भारी निवेश करती हैं और मैनेजर आकर्षक वेतन कमाते हैं.

साइबर इनसिडेंट रिस्पॉन्डर- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डीपफेक के लिए भी जिम्मेदार है इसलिए साइबर सुरक्षा जोखिम में हैं. कंपनियां ऐसे पेशेवरों की तलाश करते हैं जो वास्तविक समय में सुरक्षा खतरों की पहचान, विश्लेषण और उन्हें बेअसर कर सकें. खास कौशल वाले साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रति वर्ष 10-₹30 लाख कमा सकते हैं.