इस अंग्रेज ने बनवाया था India में पहला Engineering College
Jaya Pandey
क्या आपको पता है कि देश का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज कहां बना था और इसे बनाया किसने था?
साल 1837-38 तक अंग्रेजों के दिमाग में भारतीयों को इंजीनियरिंग पढ़ाने की बात कभी नहीं आई.
लेकिन आगरा के भयानक अकाल के बाद दोआब क्षेत्र में सिंचाई सिस्टम बनाने और गंगा नहर के निर्माण के लिए अंग्रेजों को स्किल्ड लोगों की जरूरत पड़ी.
कर्नल कॉटली को नहर बनाने का काम दिया गया था, उन्होंने ही उत्तर-पश्चिम प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर जेम्स थॉमसन को स्थानीय लोगों को सिविल इंजीनियरिंग की ट्रेनिंग देने का सुझाव दिया.
इसके बाद कलकत्ता से दिल्ली तक बन रही ग्रैंड ट्रक रोड को बनाने के लिए भी कुशल लोगों की जरूरत थी.
आखिरकार साल 1847 में भारत में थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग की स्थापना हुई.
बाद में जब देश आजाद हुआ तो उत्तर प्रदेश के 1948 के अधिनियम संख्या IX के जरिए इसे यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला. हालांकि जब यूपी का विभाजन हुआ तो यह कॉलेज उत्तराखंड राज्य के हिस्से में आया.
अब इस कॉलेज को आईआईटी रुड़की के नाम से जाना जाता है और यहां इंजीनियरिंग, टेक्नॉलजी, एप्लाइड साइंस और मैनेजमेंट से जुड़े कोर्स ऑफर किए जाते हैं.