Jul 8, 2024, 12:03 PM IST

अंग्रेजों के खिलाफ भारत में पहला विद्रोह कब हुआ था?

Jaya Pandey

अगर आप 1857 की क्रांति को अंग्रेजों के खिलाफ भारत का पहला विद्रोह मानते हैं तो आप गलत हैं. इससे भी 94 साल पहले एक बड़ा विद्रोह हुआ था.

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने सबसे पहले बंगाल में ही अपनी पकड़ बनानी शुरू की और यहीं से शासन करने लगे इसलिए सबसे पहला विद्रोह भी यहीं से शुरू हुआ था.

अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहला विद्रोह साल 1763 में हुआ था जिसे संन्यासी विद्रोह के नाम से जाना जाता है.

इस विद्रोह का नेतृत्व संन्यासियों और अपनी संपत्ति से बेदखल किए हुए जमींदार कर रहे थे और उनका साथ किसानों और स्थानीय सेना के जवानों ने दिया.

संन्यासी विद्रोह का सबसे बड़ा कारण धार्मिक स्थानों पर लगाए जा रहे रोक-टोक थे. संन्यासी धार्मिक स्थानों की यात्रा करते थे और जमींदार उन्हें दक्षिणा देते थे.

जमींदारों का संन्यासियों को दक्षिणा देना अंग्रेजों को रास नहीं आता था और उन्हें लगता था कि उनका हिस्सा लुटाया जा रहा है.

इतना ही नहीं संन्यासियों का धार्मिक स्थानों पर आना-जाना अंग्रेजों को कानून व्यवस्था बनाए रखने में दिक्कत की बात लगती थी.

इसी की वजह से वे संन्यासियों के आने-जाने पर पाबंदी लगा देते थे जिससे नाराज होकर संन्यासियों ने उनके खिलाफ विद्रोह कर दिया.

संन्यासियों ने ब्रिटिश कंपनी की फैक्ट्री और खजाने पर धावा बोल दिया और अंग्रेजों की सेना का बहादुरी से सामना किया. 

संन्यासियों का विद्रोह साल 1800 तक चलता रहा. बंकिम चंद्र चटर्जी का उपन्यास आनंदमठ इसी विद्रोह पर आधारित है.