भारत में मैथ्स को कठिन विषयों में से एक माना जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इस सब्जेक्ट में क्यों सबसे ज्यादा बच्चे फेल होते हैं.
बच्चे मैथ्स का फंडामेंटल कॉन्सेप्ट समझ नहीं पाते. अगर उन्होंने कोई क्लास मिस किया तो आगे के भी चैप्टर्स में उन्हें परेशानी आती है क्योंकि सारे चैप्टर्स एक-दूसरे से जुड़े होते हैं.
कुछ बच्चे मैथ्स को लेकर बिना वजह डर बना लेते हैं, इससे एग्जाम में उनकी परफॉर्मेंस पर बुरा असर पड़ता है.
कुछ बच्चे ठीक से मैथ्स की प्रैक्टिस नहीं करते. मैथ्स ऐसा सब्जेक्ट है कि जब तक आप लगातार उसकी प्रैक्टिस नहीं करेंगे आप इसके मास्टर नहीं बन सकते.
सही टाइम मैनेजमेंट नहीं होने की वजह से कुछ स्टूडेंट्स गणित के सवालों को या तो हल नहीं कर पाते या बीच में ही छोड़ देते हैं, इससे इस सब्जेक्ट में उनके नंबर कम आते हैं.
कुछ बच्चे पढ़ाई के वक्त मैथ्स के सवालों को हल करने में कठिनाई होने पर मदद मांगने से कतराते हैं, इससे उनके कॉन्सेप्ट क्लियर नहीं हो पाते.
कुछ बच्चे सवालों को गलत समझकर उसे ठीक से हल नहीं कर पाते और उसका गलत उत्तर देकर फेल हो जाते हैं.
अगर बच्चे ने सारे कॉन्सेप्ट ठीक से समझे भी हैं लेकिन एग्जाम का स्ट्रेस लेकर वह छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं और उनके मार्क्स कट जाते हैं.
कई बच्चों की मैथ्स में रुचि ही नहीं होती या फिर मोटिवेशन की कमी के कारण वह इस सब्जेक्ट पर ध्यान नहीं देते और कम नंबर पाते रहते हैं.