Apr 24, 2024, 12:04 PM IST

वो अंग्रेज जिन्हें माना जाता है पंचायती राज का 'पिता'

Jaya Pandey

भारत गांवों का देश है. यहां करीब 70 फीसदी आबादी गांवों में ही रहती है, ऐसे में यहां पंचायती राज व्यवस्था लागू करना बहुत जरूरी हो गया था.

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 2 अक्टूबर 1959 में राजस्थान के नागौर जिले के बगधरी गांव में इस व्यवस्था की शुरुआत की थी. 

देश में जब आजादी के लिए संघर्ष चल रहा था तब महात्मा गांधी ने भी ग्राम स्वराज की परिकल्पना की थी. वह ग्राम पंचायत को मजबूत बनाने की वकालत करते रहते थे.

बापू के सपने को पूरा करने के लिए साल 1992 में संविधान में 73वां संशोधन किया गया और स्थानीय निकायों को ज्यादा शक्तियां दी गईं.

हालांकि भारत में लॉर्ड रिपन को पंचायती राज व्यवस्था का जनक माना जाता है क्योंकि भारत में अपने वायसराय कार्यकाल के दौरान ही वह लोकल सेल्फ गर्वनमेंट की पॉलिसी लाए थे.

यही पॉलिसी बाद में पंचायती राज व्यवस्था और शहरी स्थानीय निकाय के रूप में विकसित हुई, जिसे लोकतंत्र की नींव माना जाता है. 

24 अप्रैल 2010 से इस दिन को पंचायती राज दिवस के रूप में मनाया जाने लगा क्योंकि 24 अप्रैल ही वह तारीख है जब साल 1992 में  73वां संविधान संशोधन अधिनियम लागू हुआ था.