वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को उनके रिटायरमेंट से 5 महीने पहले नई जिम्मेदारी दी गई. उन्हें ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का एडिशनल चीफ सेक्रेटरी बनाया गया है.
अशोक खेमका 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. इससे पहले वह प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थे.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान खेमका ट्रांसपोर्ट कमिश्नर थे. उनका यह कार्यकाल केवल 4 महीने तक चला था.
उस दौरान उन्होंने बड़े आकार के ट्रकों और ट्रेलरों के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जिसके कारण जनवरी में ट्रक चालकों ने हड़ताल कर दी थी.
यह हड़ताल तब समाप्त हुई जब सरकार ने ट्रक चालकों को केंद्रीय मोटर वाहन नियमों का पालन करने के लिए एक साल की समय सीमा दी.
अपने पूरे करियर के दौरान खेमका ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई. पिछले साल उन्होंने सीएम को चिट्ठी लिखकर भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए विजिलेंस ब्यूरो का नेतृत्व करने की पेशकश की थी.
अपनी ईमानदार अधिकारी की छवि के बावजूद उन्हें अक्सर कम महत्वपूर्व डिपार्टमेंट में पोस्टिंग दी गई और औसतन हर 6 महीने में उनकी पोस्टिंग होती थी.
इस महत्वपूर्ण भूमिका में उनकी वापसी से उम्मीदें बढ़ गई हैं कि खेमका ट्रांसपोर्ट सेक्टर में पारदर्शिता और सुधार लाने के अपने प्रयास जारी रखेंगे.