सिर्फ अभय सिंह नहीं, इन 10 'साधुओं' ने भी IIT से की है पढ़ाई
Jaya Pandey
एक आईआईटीयन की संत बनने की यात्रा आध्यात्मिक प्रेरणाओं से प्रेरित होती है. आज हम आपको 10 ऐसे संतों से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने आईआईटी से पढ़ाई के बाद आध्यात्म की राह चुनी.
गौरांग दास-
गौरांग दास मेडिटेशन एक्सपर्ट हैं और इस्कॉन के गवर्निंग बॉडी कमीशन के सदस्य हैं, दो सामाजिक कल्याण के लिए काम करती है.
आईआईटी बॉम्बे- मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग (1989-1993)
स्वामी मुकुंदानंद-
स्वामी मुकुंदानंद एक आध्यात्मिक गुरु, वैदिक विद्वान और जगद्गुरु कृपालुजी योग प्रणाली के संस्थापक हैं.
आईआईटी दिल्ली- मैकेनिकल इंजीनियरिंग (1982)
आईआईएम कोलकाता (1984)
मधु पंडित दास-
मधु पंडित दास इस्कॉन बैंगलोर के अध्यक्ष हैं और अक्षय पात्र फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं.
आईआईटी बॉम्बे- सिविल इंजीनियरिंग
खुर्शीद बाटलीवाला-
खुर्शीद बाटलीवाला एक लेखक, वक्ता, प्रशिक्षक, उपचारक और आर्ट ऑफ लिविंग ध्यान शिक्षक हैं.
आईआईटी बॉम्बे- एमएससी
मनन एमजे-
मनन एमजे एक गणितज्ञ और TIFR मुंबई में प्रोफेसर हैं. वह रामकृष्ण संप्रदाय के एक भिक्षु हैं और शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार और इन्फोसिस पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं.
आईआईटी कानपुर
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले
आचार्य प्रशांत-
आचार्य प्रशांत लेखक और अद्वैत शिक्षक हैं जो गीता के 17 रूपों और उपनिषदों के 60 रूपों को पढ़ाते हैं. वह प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन के संस्थापक हैं.
आईआईटी दिल्ली
आईआईएम अहमदाबाद
राधेश्याम दास-
राधेश्याम दास इस्कॉन पुणे के अध्यक्ष VOICE के निदेशक, युवा परामर्शदाता और कॉरपोरेट सलाहकार है.
आईआईटी बॉम्बे, एमटेक
रसनाथ दास-
रसनाथ दास पूर्व इन्वेस्टमेंट बैंकर हैं जो अब हिंदू साधु बन गए हैं.
आईआईटी
कार्नेल यूनिवर्सिटी, एमबीए
अविरल जैन-
अविरल जैन कंप्यूटर इंजीनियर से संत बने हैं. उन्होंने आईआईटी बीएचयू से पढ़ाई की है.
संकेत पारेख
संकेत पारेख केमिकल इंजीनियर से जैन साधु बने हैं. उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.