Jul 29, 2024, 08:29 PM IST
इन व्यंग्य संग्रहों के मजेदार किस्सों में छिपा है जिंदगी का फलसफा
Anurag Anveshi
किताब - दुम की दरकार, प्रकाशक - ज्ञान गंगा प्रकाशन (व्यंग्य संग्रह), लेखक - शिव शर्मा, मूल्य - 400
लेखक का चुटिला वाक्य है कि समाज कोई भी हो, कैसा भी हो दुम बहुत जरूरी है. दुमवाले लोग शिखर पर जाते हैं. जो दुमहीन हैं वे रेंगते हैं.
किताब - माफिया जिंदाबाद, प्रकाशक - सत्साहित्य प्रकाशन (व्यंग्य संग्रह), लेखक - हरीश नवल, मूल्य - 400
मुहावरा शैली में लिखी इस किताब की USP इसकी भाषा को बताया जा सकता है जो साफ़ सुथरी और मनोरंजक है.
किताब - डेमोक्रेसी का चौथा खंबा, प्रकाशक - ग्रंथ अकादमी (व्यंग्य संग्रह), लेखक - संजीव जयसवाल संजय, मूल्य - 400
लेखक मानता है कि देश में डेमोक्रेसी का एक चौथा खंबा धर्मपालिका भी है और इसी पर देश टिका हुआ है.
किताब - सत्तापुर के नकटे, प्रकाशक - प्रभात प्रकाशन (व्यंग्य संग्रह), लेखक - गोपाल चतुर्वेदी, मूल्य - 250
तीखे व्यंग्यों का ये रोचक संकलन मानवीय संवेदना और मर्म को छूता है. नेता हमें जिस तरह बेवकूफ बनाते हैं उसकी बानगी है ये किताब.
किताब - नेता बनाम आलू, प्रकाशक - विद्या विहार (व्यंग्य संग्रह), लेखक - आलोक पुराणिक, मूल्य - 175
किताब बताती है कि हम बाजार से इस तरह जकड़े हुए हैं कि अब हम चाह भी लें तो शायद इससे मुक्त न हो पाएं.
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