Jun 11, 2024, 08:28 AM IST

क्यों 17 साल की उम्र में कैलकुलेटर बेचने को मजबूर थे Vikas Divyakirti?

Jaya Pandey

विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि आईएएस के फाउंडर हैं और सिविल सेवा की तैयारी कर रहे लाखों स्टूडेंट्स के प्रेरणास्रोत भी है.

आज वह देश के सफल शिक्षक और बिजनेसमैन हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था जब काफी मुश्किलों से उनका गुजारा होता था.

विकास दिव्यकीर्ति ने खुद एक सेमिनार में इसका खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि 17 की उम्र में कैसे वह घर-घर जाकर कैलकुलेटर बेचते थे.

विकास दिव्यकीर्ति ने स्टूडेंट्स से कहा कि आज मैं यहां खड़ा हूं लेकिन मैंने भी जीवन में कम नहीं झेला है.

उन्होंने कहा कि जिस उम्र में आप मौज-मस्ती करते हैं उस उम्र में मैंने कैलकुलेटर बेचे हैं. 17 की उम्र में मैं सेल्समैन रहा हूं.

'मैं नौकरीपेशा परिवार से आता हूं, न कि बिजनेसमैन फैमिली से. बिजनेसमैन फैमिली में तो बच्चों को 17 साल की उम्र में बिजनेस में लगा दिया जाता है.'

विकास सर ने बताया- 'घर में कुछ आर्थिक दिक्कतें आईं तो सेल्समैन बनकर घर-घर जाकर कैलकुलेटर बेचना पड़ा. लोग मजाक भी उड़ाते थे और धिक्कारते भी थे.'

उन्होंने 17 की उम्र से अपना खर्चा खुद उठाया है क्योंकि जब घर में दिक्कत थी तो वो कैसे और क्यों अपने पैरेंट्स से पैसे मांगते.

विकास दिव्यकीर्ति के मुताबिक वह उनकी जिंदगी का पहला टर्निंग पॉइंट था. उन्होंने कहा कि उस समय ने हमें जितना सिखाया, कोई कॉलेज या किताब नहीं सिखा सकता था.