भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर सुंदरता और शालीनता का अद्भुत प्रतीक है. इसे 1 फरवरी 1963 को भारत ने अपना नेशनल बर्ड चुना था.
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर भारत ने मोर को ही अपना राष्ट्रीय पक्षी क्यों चुना किसी और पक्षी को क्यों नहीं?
हिंदू पौराणिक कथाओं में मोर अलग स्थान रखता है. भगवान कृष्ण अपने मुकुट पर मोर पंख से श्रृंगार करते हैं . दक्षिण भारत के देवता भगवान मुरुगन का वाहन भी मोर को ही माना जाता है.
मोर भारतीय कला, साहित्य और धार्मिक प्रथाओं में अहम भूमिका निभाते हैं और राजसीपन और देवत्व का प्रतीक होते हैं.
मोर पूरे भारत में पाया जाता है जो इसे वास्तव में भारत का राष्ट्रीय प्रतीक बनाता है.
मोर का अनोखा स्वरूप और महत्व भारत के लोगों के बीच सुप्रसिद्ध है.
मोर को सरकारी दस्तावेजों और प्रकाशनों में आसानी से दर्शाया जा सकता है.
मोर की किसी दूसरे देश के राष्ट्रीय पक्षी के साथ कोई समानता नहीं है.
मोर भारत की सांस्कृतिक विविधता का सर्वोत्तम प्रतीक है.