May 27, 2024, 07:45 AM IST

इन 10 फिल्मों ने देश में खड़ा किया विवाद, लोगों ने किया था जमकर विरोध

Jyoti Verma

साल 2014 में रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म पीके पर धार्मिक आस्थाओं को आहत करने के कारण विवाद का सामना करना पड़ा था, इसका धार्मिक संगठनों ने काफी विरोध किया था.

शाहरुख खान स्टारर फिल्म माई नेम इज खान साल 2010 में आई थी. इस्लामोफोबिया और भेदभाव दिखाने के कारण इस फिल्म का कुछ ग्रुप्स ने विरोध किया था. साथ ही भारत के कुछ हिस्सों में भी इसको लेकर विवाद हुआ था. 

पद्मावत साल 2018 में आई थी. इस फिल्म का कुछ राजपूत ग्रुप्स ने विरोध किया था,उनका कहना था कि उनकी संस्कृति और इतिहास को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है. 

गोलियों की रासलीला राम-लीला साल 2013 में आई थी. यह एक रोमांटिक ड्रामा है. इस फिल्म के नाम को लेकर कुछ समुदायों ने काफी विरोध किया था. जिसके बाद फिल्म के नाम में बदलाव किया गया था. 

अमिताभ बच्चन और सैफ अली खान स्टारर फिल्म आरक्षण साल 2011 में आई थी. यह फिल्म शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के मुद्दे पर बनी है, जिसके कारण देश भर इसको लेकर विरोध हुआ था. क्योंकि इसमें जाति आधारित राजनीति दिखाई गई है. 

उड़ता पंजाब साल साल 2016 में आई थी. जो पंजाब में नशीली दवाओं के इस्तेमाल से जुड़ा है. जिसके बाद इस फिल्म को लेकर काफी विरोध हुआ था, क्योंकि इसमें सीधे तौर पर पंजाब शहर को गलत तरीके से पेश किया जा रहा था. 

अक्षय कुमार स्टारर फिल्म ओ माय गॉड साल 2012 में आई थी. इस फिल्म में धार्मिक अंधविश्वास और अंध विश्वास दिखाने के चलते इसका विरोध हुआ था. इस फिल्म को कई धार्मिक समूहों ने विरोध किया था. 

निशब्द फिल्म साल 2007 में आई थी. यह फिल्म एक यंग वुमेन और एक ओल्ड एज पर्सन के रिश्ते के बारे में है. जिसके कारण फिल्म को लेकर विवाद और विरोध हुआ था. 

साल 2011 में आई फिल्म धोबी घाट को काफी विरोध का सामना करना पड़ता था. इसका मुंबई के धोबी घाट इलाके और वहां के लोगों ने फिल्म का विरोध किया था.

साल 2023 में आई फिल्म द केरल स्टोरी को लेकर कई राजनेताओं ने विरोध जताया था. इस फिल्म को लेकर मुस्लिम समुदायों ने भी आपत्ति जताई थी.