Feb 11, 2024, 04:01 PM IST

एसिड अटैक, दहेज और जाति जैसे अहम मुद्दों पर बनी ये 10 फिल्में दिखाती हैं समाज को आईना

Jyoti Verma

आमिर खान द्वारा निर्देशित फिल्म तारे जमीन पर एक डिस्लेक्सिक बच्चे और शिक्षा प्रणाली के भीतर उसके संघर्षों के इर्द-गिर्द घूमती है.

अनिरुद्ध रॉय चौधरी द्वारा निर्देशित, 'पिंक' सहमति, पीड़ित को दोषी ठहराने और समाज में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के मुद्दों पर बनी है. 

नितेश तिवारी द्वारा निर्देशित, "दंगल" एक पिता की सच्ची कहानी बताती है जो समाज को चुनौती देते हुए अपनी बेटियों को सफल पहलवान बनने के लिए प्रशिक्षित करता है.

अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित, "आर्टिकल 15" भारत में गहरी जड़ें जमा चुकी जाति व्यवस्था और दलित समुदायों के सामने आने वाली चुनौतियों को दिखाती है ये फिल्म.

आर. बाल्की द्वारा निर्देशित, "पैडमैन" अरुणाचलम मुरुगनाथम के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में पीरियड्स हेल्थ को संबोधित करने के लिए कम लागत वाली सैनिटरी नैपकिन बनाने वाली मशीनों का आविष्कार किया था.

अलंकृता श्रीवास्तव द्वारा निर्देशित, Lipstick Under My Burkha फिल्म अलग-अलग बैकग्राउंड की चार महिलाओं के जीवन के बारे में है, उनकी आकांक्षाओं और सामाजिक चुनौतियों के खिलाफ संघर्ष से निपटती है.

नीरज घायवान द्वारा निर्देशित, "मसान" वाराणसी में स्थापित कई कथाओं को आपस में जोड़ती है, जो जाति, प्रेम और बेहतर जीवन की खोज से संबंधित सामाजिक मुद्दों को दिखाती है.

दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक एक एसिड अटैक लड़की लक्ष्मी की कहानी है. जो न्याय के लिए और देश में एसिड बैन के लिए लड़ती है. क्योंकि देश में हजारों ऐसी लड़कियां है जो अक्सर एसिड अटैक का सामना करती हैं.

तृप्ति डिमरी स्टारर फिल्म बुलबुल चाइल्ड मैरिज पर है. जिसमें एक लड़की की बड़े आदमी से शादी होती है और बड़े होते है उसका पति उसके साथ घरेलू हिंसा करता है. 

रक्षाबंधन फिल्म देश में दहेज प्रथा को दिखाती है. कि किस तरह से एक परिवार अपनी बहन और बेटियों की शादी के लिए दहेज जुटाते हैं और दूसरी ओर ससुराल वाले लड़की के साथ हिंसा करते हैं.