Dec 11, 2023, 08:23 PM IST
पाटेकर के नाना रोल
महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या से नाना इस कदर आहत हुए कि उन्होंने आत्महत्या के विरुद्ध निजी प्रयास से अभियान शुरू किया.
खुद एक बेडरूम वाले अपार्टमेंट में रहते हैं नाना पाटेकर और अपनी 90 फीसदी कमाई किसानों और उनके परिवारों के बीच बांट दी.
हालांकि बात पुरानी हुई पर बता दें कि नाना का फाउंडेशन आर्थिक मदद के साथ गांवों में तालाबों-नहरों की खुदाई के काम में लगा रहा था.
नाना वैसे तो चुप रहते हैं लेकिन जरूरतमंदों की मदद से वे इतने गहरे जुड़े हैं कि कहते हैं 'मरते दम तक जीने की वजह मिल गई है मुझे.'
दरअसल, नाना ने अपने छुटपन में भूख देखी है. जब वे सातवीं क्लास में थे उस वक्त उनका पूरा परिवार सड़क पर आ गया था.
नाना ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता मुंबई में बिजनेस करते थे. पर पार्टनर ने धोखा किया और पूरा परिवार फुटपाथ पर आ गया.
नाना ने यह भी कहा था कि घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया था. ऐसे में आर्टिस्ट नाना ने पोस्टर बनाने का काम शुरू किया था.
उस वक्त दिन का समय नाना स्कूल में होते और रात पोस्टर छपाई में. हर महीने 35 रुपये मिलते थे और हर रोज एक वक्त का खाना.