Aug 9, 2023, 02:35 PM IST

5 टेस्‍ट जो बताते हैं आपका शुगर बढ़ रहा है

Ritu Singh

डायबिटीज होने से पहले प्री-डायबिटीज होती है और अगर इस वक्त आपको इसकी जानकारी हो जाए तो आप डायबिटीज होने को टाल सकते हैं.

डायबिटीज से बचने के लिए या डायबिटीज होने के बाद ब्लड शुगर हाई होने से बचने के लिए आपको 5 तरह के टेस्ट जरूर कराने चाहिए.

 फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट -फास्‍ट‍िंग ब्‍लड शुगर टेस्‍ट को सुबह उठने के बाद उनको जरूर करना चाहिए जो डायबिटीज को मरीज हैं. इस जांच को करने के ल‍िए 8 घंटे का गैप होना चाहिए.जिन्हें डायबिटीज नहीं, लेकिन 40 की उम्र हो तो आपको हर 6 महीने में टेस्ट कराना चाहिए. 

रैंडम ब्लड ग्लूकोज टेस्ट- शरीर में लो-ब्‍लड शुगर लेवल की जांच करने के ल‍िए रैंडम ब्‍लड ग्‍लूकोज टेस्‍ट क‍िया जाता है. रैंडम ब्‍लड ग्‍लूकोज टेस्‍ट, फास्‍ट‍िंग से अलग होता है. इस जांच को द‍िन के क‍िसी भी समय क‍िया जा सकता है. ब्‍लड शुगर लेवल की न‍िगरानी के ल‍िए डॉक्‍टर इस टेस्‍ट को करने की सलाह देते हैं. 

ओरल ग्लूकोज टोलरेंस टेस्ट-ओरल ग्‍लूकोज टोलेरेंस टेस्‍ट सुबह खाली पेट क‍िया जाता है.इसके बाद ग्‍लूकोज पिलाकर 1 घंटे के अंदर फिर से चेक किया जाता है. यह टेस्‍ट डायबिटीज से पहले की स्थिति को भी माप सकता है जिसे प्री-डायबिटिक स्‍टेज कहा जाता है. 

यूर‍िन ग्‍लूकोज टेस्‍ट-यूर‍िन में ग्‍लूकोज की मात्रा को जानने के लिए इसे किया जाता है.यह सैंपल सुबह के पहले यूर‍िन से ल‍िया जाता है क्‍योंक‍ि उसमें शर्करा की मात्रा ज्‍यादा होती है.

एचबीए1सी टेस्‍ट- इसे ग्लाइकेटेड हेमोग्लोबिन टेस्ट भी कहते हैं. इस टेस्‍ट में रक्‍त में शुगर के स्‍तर को पिछले 2-3 महीनों के सैंपल के साथ म‍िलान क‍िया जाता है.