फेफड़ों की टीबी के बारे में सुना होगा लेकिन क्या आप पेट की टीबी के बारे में जानते हैं? इसे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्यूबरक्लोसिस कहते हैं.
टीबी रीढ़ की हड्डी से लेकर गले तक में हो सकती है. ट्यूबरक्लोसिस माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है.
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल टीबी पेट के पेरिटोनियम और लिंफ में होती है. टाइफाइड बुखार के बाद आंतों में होने वाली यह दूसरी सबसे आम बीमारी है.
पेट की टीबी होने का सबसे प्रमुख कारण दूध को बिना उबाले पीना है. आज आपको पेट में टीबी होने पर दिखने वाले शुरुआती संकेतों के बारे में बताएंगे.
पेट की टीबी के शुरुआती लक्षणों में फूड प्वाइजनिंग और अपेंडिक्स के दर्द जैसा महसूस होता है.
अगर खाते ही उल्टी होने लगे, पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द या बार-बार दस्त लगते हैं तो ये भी टीबी का संकेत है.
इसके अलावा मल के साथ खून या मवाद आना, कब्ज का बहुत समय तक ठीक न होना, वेट और भूख कम होना भी पेट की टीबी के संकेत हैं.
पेट की टीबी का पता लगाने के लिए दर्द वाले हिस्से में कोलोनोस्कोपी, एंडोस्कोपी या लिंफ नोड की बायोप्सी की जाती है. अल्ट्रासाउंड में यह बीमारी पकड़ में नहीं आती.