कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर के बीच काफी अंतर होता है.
आज विश्व हृदय दिवस (29 सितंबर) के मौके पर चलिए जानें कि इन तीनों में क्या अंतर है.
दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह कम या अवरुद्ध हो जाता है. कोरोनरी धमनियों में रक्त के थक्के, एथेरोस्क्लेरोसिस, वसा या कोलेस्ट्रॉल जमा होने से यह रुकावट होती है.
दिल के दौरे के दौरान, दिल धड़कता रहता है, लेकिन ऑक्सीजन युक्त रक्त ठीक से काम करने के लिए अंग तक नहीं पहुंच पाता है.
हार्ट अटैक तब होता है जब शरीर में पर्याप्त रक्त पंप नहीं कर पाता, तो उस स्थिति को हृदय विफलता कहा जाता है. यह स्थिति कई अंतर्निहित स्थितियों जैसे कोरोनरी धमनी रोग, उच्च रक्तचाप या मधुमेह के कारण होती है.
कार्डियक अरेस्ट के अंतर्निहित कारणों में कोरोनरी हृदय रोग, शारीरिक तनाव और वंशानुगत विकार शामिल हैं. हालाँकि, कार्डियक अरेस्ट बिना किसी ज्ञात कारण के भी हो सकता है.
दिल से मिल रहे चेतावनी संकेतों को जल्दी पहचानना समय पर हस्तक्षेप और जटिलताओं को रोकने का सबसे बेस्ट तरीका होता है.