Nov 21, 2023, 06:05 PM IST

क्या है टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह में अंतर, किससे है खतरा

Abhay Sharma

भारत में डायबिटीज रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है, हर साल लाखों लोग इस गंभीर बीमारी के शिकार हो रहे हैं. बता दें कि गलत खान-पान, बदलती जीवनशैली की वजह से डायबिटीज की समस्या लोगों में बढ़ रही है.

बता दें कि डायबिटीज दो प्रकार की होती है, लेकिन कुछ मामलों में टाइप-3 की डायबिटीज भी पाई जाती है. आइए जानते हैं क्या है डायबिटीज टाइप 1, 2, 3 में अंतर.

डायबिटीज टाइप 1- इसे डायबिटीज की पहली स्टेज कहा जाता है. इसकी वजह से रोगी के शरीर का अग्नाशय (पैंक्रियाज़) बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बना पाता है. इसका कोई खास इलाज भी नहीं है.

टाइप 2 डायबिटीज की वजह से व्यक्ति के शरीर में खून का संचार, तंत्रिका और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर असर पड़ता है. इस स्टेज में भी रोगी के शरीर का पेंक्रियाज़ आवश्यकता के अनुसार इंसुलिन नहीं बना पाता है

90% से 95% लोग टाइप 2 श्रेणी में आते हैं. बता दें कि आजकल मोटापा बढ़ने के कारण युवा और बच्चे भी टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हो रहे हैं.

वहीं टाइप 3 डायबिटीज दुर्लभ मामलों में होती है. कुछ मामलों में व्यक्ति को डायबिटीज टाइप 3 से पीड़ित तब माना जाता है, जब टाइप 2 डायबिटीज का रोगी इलाज के दौरान या इलाज के बाद में अल्जाइमर की चपेट में आ जाए.

बता दें कि इन तीनों में सबसे गंभीर स्टेज टाइप 3 डायबिटीज होती है. हालांकि आधिकारिक स्वास्थ्य संगठन इसे स्वीकार नहीं करते हैं.