क्या लेट प्रेग्नेंसी से बच्चों में बढ़ता है ऑटिज्म का खतरा?
Ritu Singh
कई लोगों का मानना है कि लेट प्रेग्नेंसी के चलते ही बच्चों में ऑटिज्म का खतरा बढ़ता है . लेकिन क्या यह सच है?
ऑटिज़्म एक जटिल न्यूरो डेवलपमेंटल विकार है, जिसमें सामाजिक संपर्क, संचार और व्यवहार में असामान्यताएं देखी जाती हैं.
ऑटिज़्म के कारणों को समझने के लिए कई शोध किए गए हैं, और इनमें से एक महत्वपूर्ण कारक है माता-पिता की उम्र. अधिक उम्र में बच्चों को जन्म देने से ऑटिज़्म का खतरा बढ़ता है.
एक अध्ययन में पाया गया कि 35 वर्ष से अधिक आयु के माता-पिता के बच्चों में ऑटिज़्म का खतरा अधिक होता है.
अधिक उम्र में माता-पिता के डीएनए में परिवर्तन हो सकते हैं, जो ऑटिज़्म के खतरे को बढ़ा सकते हैं.
माता-पिता की उम्र बढ़ने के साथ एपिजेनेटिक परिवर्तन भी हो सकते हैं, जो जीन अभिव्यक्ति को प्रभावित कर सकते हैं.
यदि आपके परिवार में ऑटिज़्म का इतिहास है, तो वंशानुगत परामर्श लेना उचित होगा.
गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम और तनावमुक्त जीवनशैली अपनानी चाहिए.