Aug 1, 2024, 03:16 PM IST
हाई ब्लड शुगर यानी डायबिटीज के कारण आजकल लाखों लोग परेशान हैं. डायबिटीज के कारण सेहत को कई नुकसान होते हैं.
ब्लड शुगर लेवल जितना अधिक हो जाता है सेहत के लिए उतना ही नुकसानदायक होता है. ब्लड शुगर की जांच ग्लूकोमीटर के जरिए की जाती है.
लेकिन मधुमेह कोई आज की बीमारी नहीं है. यह हजारों सालों पुरानी बीमारी है. ऐसे में सवाल उठता है कि उस समय शुगर की जांच कैसे होती थी.
प्राचीन काल में चीटियां ब्लड शुगर लेवल को बताती थीं. डायबिटीज का पहला लक्षण बार-बार पेशाब आना माना जाता है.
इतिहास पर रिसर्च करने वाले संगठन डिफीट डायबिटीज फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ब्लड शुगर की जांच का प्राचीन तरीका चीटियां हैं.
अगर इंसान के यूरिन के आस-पास चीटियों का ढेर लग जाए तो समझ लें कि, उस व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ है.
पुराने समय में डायबिटीज की बीमारी को ‘शहद मूत्र’ के नाम से जाना जाता था. चीटियों के तरीके से ही ब्लड शुगर का पता चलता था.