Apr 3, 2025, 10:39 PM IST
गांजे का नशा शरीर में कितनी देर तक रहता है?
Rahish Khan
गांजा यानी मारिजुआना (Marijuana) का इस्तेमाल दुनियाभर में नशे के लिए होता है. भारत में इसका सेवन अपराध है.
लेकिन इसके बावजूद भारत में गांजे का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता है. खासकर पहाड़ों में इसकी लत ज्यादा है.
साल 1985 से पहले गांजा भारत में भी लीगल था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कानून बनाकर इसे गैरकानूनी बना दिया था.
गांजा पीने का असर शरीर के कई हिस्सों पर पड़ता है. गांजे में THC और CBD केमिकल्स पाए जाते हैं. ये दोनों अलग-अलग काम करते हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के साइकोफार्मेकोलॉजिस्ट लेन मेकक्रेगर के मुताबिक, गांजा फूंकने के बाद कई हफ्ते तक शरीर में THC मिलता है.
टीएचसी नशा बढ़ाता है. जबकि सीबीडी, THC के नशे को रोकने का काम करता है. गांजा शरीर के ब्रेन, हार्ट, लिवर और फैट में घुलता है.
गांजे का नशा करने वालों का लगभग 85% हिस्सा अपशिष्ट पदार्थों के जरिए बाहर निकल जाता है. जबकि बाकी शरीर में रुक जाता है.
गांजे का असर ब्लड में 24 घंटे, यूरीन में 30 दिन और बालों में 90 दिनों तक रहता है. हालांकि, इस बात पर भी निर्भर करता है कि गांजा कितना फूंका गया है.
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