Feb 28, 2024, 08:02 PM IST
आपने कई ऐसे लोगों को देखा होगा, जो अकेले होने पर खुद से बातें करते हैं या मन ही मन कुछ न कुछ बुदबुदाते रहते हैं. ऐसे लोगों को आमतौर पर लोग पागलपन का शिकार बताने लगते हैं.
लेकिन, कोई व्यक्ति अगर नाॅर्मल स्थिति में या अकेले कमरे में खुद से बातें करता है, उसकी आवाज तेज नहीं है तो वह व्यक्ति पागल नहीं, बल्कि मेंटली स्ट्रांग है.
दरअसल, कई रिसर्च रिपोर्ट में यह कहा गया है कि जो लोग खुद से बातें करते हैं, ऐसे लोग मानसिक रूप से बहुत ही मजबूत होते हैं.
दरअसल, खुद से बातें करने से पाॅजिटिविटी और कॉन्फिडेंस बढ़ता है. इतना ही नहीं, इससे स्ट्रेस भी कम होता है.
इससे आप रोज की समस्याओं से आसानी से निपट पाते हैं.सेल्फ टॉक से आप अन्य लोगों के मुकाबले ज्यादा मजबूती से फैसले ले पाएंगे.
ऐसे में अगर आप किसी बात को लेकर परेशान या चिंतित हों तो इस समय सबसे अच्छा ये है कि आप खुद से बात करें.
बता दें कि खुद से बातें करने की आदत बुरी नहीं है, लेकिन अगर आप किसी के साथ हैं और उस वक्त भी खुद से बात करने में लगे हैं तो एक बार आप किसी मानसिक रोग विशेषज्ञ से जरूर मिलें.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.