Aug 19, 2024, 02:41 PM IST
दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स का खतरा मंडरा रहा है, इसके बढ़ते प्रकोप को देखते हुए WHO ने ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है.
मंकीपॉक्स स्मॉलपॉक्स की फैमिली के वायरस से होता है. इसके दो स्ट्रेन हैं, पश्चिमी अफ्रीकी व मध्य अफ्रीकी और यह इन्हीं देशों के लोगों में ज्यादा देखने को मिलता है.
मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को बीच अक्सर लोगों के मन में यह सवाल भी आता है कि इस वायरस का पहला केस कब और कहां मिला था?
बताया जाता है कि इस वायरस का पहला मामला 1950 के दशक में सामने आया था, 1958 से 1968 के बीच सैकड़ों एशियाई बंदरों में मंकीपॉक्स वायरस फैला.
1970 में पहली बार एक इंसान इस गंभीर वायरस से संक्रमित मिला, उस समय कॉन्गो में रहने वाले एक 9 महीने के बच्चे में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई थी.
कई वैज्ञानिकों को मानना है कि मंकीपॉक्स का ओरिजिन सोर्स अफ्रीका ही है और अफ्रीका से ही एशियाई बंदरों में ये वायरस फैला होगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2003 में पहली बार ये वायरस अफ्रीका से बाहर फैला और उस समय अमेरिका में एक व्यक्ति इससे संक्रमित पाया गया था.
इसके बाद सितंबर 2018 में इजरायल, मई 2019 में यूके, दिसंबर 2019 में सिंगापुर जैसे देशों में भी इसके मामले सामने आने लगे.
बीते कुछ सालों से अब बार-बार मंकीपॉक्स का कहर देखने को मिल रहा है, अभी भी मंकीपॉक्स के संक्रमण और ट्रांसमिशन को लेकर कई स्टडी हो रही है.