Nov 19, 2023, 08:11 AM IST

हार्ट अटैक बाथरूम में क्यों आता है ज्यादा 

Ritu Singh

सर्दियों में सबसे ज्यादा हार्ट अटैक या स्ट्रोक की घटनाए होती हैं वह भी खासकर बाथरूम में, चलिए जानें क्यों?

नहाने या टॉयलेट में बैठे-बैठे कार्डिएक अरेस्ट होने या हार्ट अटैक का डर ज्यादा होता है क्योंकि ठंड में बाथरूम का तापमान, पानी और आपके शरीर का तापमान वैरी करता है.

ठंड में शरीर के ठंडे रहने से नसें भी सख्त हो जाती हैं और जिन्हें बल्ड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल कि शिकायत है उनकी नसों में ब्लड सर्कुलेशन भी स्लो हो जाता है और ठंड से नसों में जमी वसा से ब्लड भी गाढ़ा होता है जिससे ब्लड फ्लो धीमा या रूक जाता है.

टॉयलट सीट पर बैठने या इंडियन स्टाइल के टॉयलट का इस्तेमाल करने के दौरान ज्यादा प्रेशर लगाना या फिर ज्यादा देर तक बैठे रहना ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है. इससे दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ जाता है जो हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट की वजह बन जाता है.

बाथरूम में नहाते हुए सीधे सिर पर कभी पानी न डालें क्योंकि इससे अचानक से ब्लड सर्कुलेशन रुक जाएगा. नहाते हुए पहले तलवे फिर पैर, कमर कंधे और लास्ट में सिर पर पानी डालें. नहाकर तुरंत केवल टावल लपेट के बाहर आना भी खतरनाक होता है. बाथरूम में पूर कपड़े पहन कर ही बाहर आएं.

कड़ाके की ठंड में सुबह- सुबह नहाने से ऐसा होता है, शरीर बिस्तर में गर्म होता है और बाथरूम का तापमान ठंड और फिर पानी गर्म या ठंडा होना भी शरीर को शॉक देता है