Jul 10, 2024, 08:54 PM IST
पटियाला महाराज चाय पीते-पीते खा जाते थे 2 मुर्गे, हरम में थीं इतनी महिलाएं
Sumit Tiwari
पटियाला के सातवें महाराजा और नरेंद्र मंडल के अध्यक्ष सर भूपेंद्र सिंह थे.
इतिहासकार डोमिनीक लापियर और लैरी कॉलिन्स अपनी किताब ”फ्रीडम एट मिडनाइट” में इनके बारें में लिखते हैं.
इस किताब के अनुसार ये एक दिन में 10 किलों भोजन खा जाते थे. चाय पीते समय दो मुर्गे खा जाना तो साधारण बात थी.
ये पोलो खेलने के भी शौकीन थे, इनके अस्तबल में विश्व के 500 बेहतरीन पोलो के घोड़े थे.
लापियर और कॉलिन्स लिखते हैं कि सर भूपेंद्र सिंह के हरम में उन समय करीब 350 महिलाएं हुआ करती थीं.
इन्होंने अपने निजी कक्षों की छतों और दीवारों पर कामोत्तेजक कलाकृतियां बनवा रखी थीं.
इस किताब में ये भी लिखा है कि एक बार राजा भूपेंद्र सिंह पूरी तरह कामोत्तेजक औषधियों पर निर्भर हो गए थे.
उन्होंने कई तरह की औसधियों और जड़ी-बूटी का उपयोग किया लेकिन फिर भी उन्हें आराम नहीं मिला.
तब महाराजा एक अजीब तरह की औसधि का इस्तमाल करने लगे. ये औसधि महीन कटी हुई गाजर और गौरैया के भेजे को मिलाकर बनती थी.
भूपेंद्र सिंह ने अपने पिता महाराजा राजिंदर सिंह के निधन के बाद सिर्फ 9 साल की उम्र में गद्दी संभाली थी.
राजा भूपेंद्र सिंह प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटिश फौज की तरफ से लड़े भी थे. उन्होंने फर्स्ट पटियाला रेजीमेंट की अगुवाई की थी.
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