Feb 1, 2025, 02:31 PM IST

Budget 2025: बजट की 10 रोचक बातें, जिनसे शायद आप अंजान हैं!

Raja Ram

बजट का इतिहास भारत में करीब 150 साल पुराना है. इस दौरान कई ऐसे अनोखे तथ्य सामने आए हैं, जिनके बारे में आम लोग कम ही जानते हैं.

ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में पहला बजट 18 फरवरी 1860 को जेम्स विल्सन ने पेश किया था. उस समय भारतीयों को बजट पर बोलने का भी अधिकार नहीं था.

आजाद भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को वित्त मंत्री आर.के. शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. यह एक आर्थिक समीक्षा थी, जिसमें कोई नया कर नहीं लगाया गया.

के.सी. नेगी भारत के एकमात्र ऐसे वित्त मंत्री थे, जिन्होंने कभी बजट पेश नहीं किया. वे सिर्फ 35 दिनों तक इस पद पर रहे थे.

सी.डी. देशमुख पहले ऐसे भारतीय वित्त मंत्री थे, जो इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर भी रह चुके थे.

मोरारजी देसाई ने 10 बार बजट पेश किया, जो अब तक सबसे ज्यादा है. दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने दो बार (1964 और 1968) अपने जन्मदिन 29 फरवरी को बजट पेश किया था.

भारत के कुछ प्रधानमंत्रियों ने वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार संभालते हुए बजट भी पेश किया. इनमें पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी शामिल हैं.

बजट की छपाई से पहले हलवा सेरेमनी की परंपरा निभाई जाती है. बड़ी कड़ाही में हलवा बनाया जाता है और इसे वित्त मंत्रालय के सभी कर्मचारियों को परोसा जाता है. 

बजट पेश होने से ठीक सात दिन पहले वित्त मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी मंत्रालय के अंदर ही बंद रहते हैं, ताकि कोई जानकारी लीक न हो. इन पर खुफिया एजेंसियों की कड़ी नजर रहती है.

पहले बजट की प्रिंटिंग राष्ट्रपति भवन में होती थी, लेकिन 1950 में लीक होने के बाद इसे मिन्टो रोड स्थित सरकारी प्रेस में शिफ्ट कर दिया गया. 1980 से यह काम नॉर्थ ब्लॉक में होने लगा.

अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 में दिया था. यह भाषण 2 घंटे 42 मिनट लंबा था.