Mar 5, 2025, 07:24 PM IST
वो 5 महिलाएं जिन्हें मजबूरी में थामनी पड़ी बंदूक
Rahish Khan
चंबल के बीहड़ों का नाम सुनते ही लोग आज भी कांप उठते हैं. यहां एक से बढ़कर एक डाकू पैदा हुए.
इन डाकूओं से आम लोग ही नहीं डरते थे, बल्कि पुलिस के भी पसीने छूट जाते थे. पुलिस सामना करने से भी डरती थी.
बीहड़ों में पुरुष ही नहीं महिला डकैतों का भी राज था. जिन्होंने हत्या, लूट, अपहरण और डकैती से अपना खौफ फैलाया.
आज हम ऐसी 5 कुख्यात दस्यु सुंदरियों के बारे में बताएंगे. जिनका एक जमाने में बड़ा नाम था.
फूलन देवी को बीहड़ का सबसे कुख्यात महिला डाकू थीं. जिन्होंने अपने साथ हुए बलात्कार का बदला लेने के लिए एकसाथ 22 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
फूलन देवी
चंबल में पुतलीबाई का भी खूब खौफ था. वह शादी-पार्टियों में नाचने-गाने का काम करती थी, लेकिन बाद में वह डाकू सुल्ताना के गैंग में शामिल हो गई थीं.
पुतलीबाई
सीमा परिहार को 13 साल उम्र में अगवा कर लिया गया था. बीहड़ में रहने के दौरान सीमा को डकैतों की जिंदगी इतनी पसंद आई कि खुद डकैत बन गई.
सीमा परिहार
कानपुर देहात की रहने वाली कुसमा नाइन बेहमई कांड का बाद डाकू बन गई थी. उस कांड में फूलन देवी ने 22 राजपूतों की हत्या कर दी थी.
कुसमा नाइन
कुख्यात महिला डाकुओं में रेणु यादव का भी नाम टॉप पर था. उनको भी बीहड़ के डाकुओं ने किडनैप किया था. बाद में वो वहां रहते हुए खुद भी डांकू बन गईं.
रेणु यादव
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