Nov 16, 2023, 12:36 PM IST
अर्जुन को इन 7 गुणों ने बनाया परमवीर, किसी और योद्धा में नहीं थे ये गुण
DNA WEB DESK
महाभारत के दौर की बात करें तो श्रीकृष्ण के बाद सबसे दमदार चरित्र अर्जुन का ही सामने आता है.
अर्जुन को महाभारत का धुरंधर योद्धा माना जाता है और उनके चरित्र के कुछ गुण बाकी किसी योद्धा में नहीं थे.
आखिर क्यों श्रीकृष्ण ने अर्जुन को ही अपना शिष्य बनाया और द्रोणाचार्य के भी प्रिय शिष्य अर्जुन थे तो इसकी वजह उनके गुण ही थे.
महाभारत की पूरी कथा में ऐसे कई किस्से हैं, जो अर्जुन के बल और बुद्धि को दर्शाते हैं. अर्जुन में शारीरिक और मानसिक दोनों बल थे.
महाभारत के सभी पात्रों में से केवल अर्जुन ही सबसे पराक्रमी थे और वह किसी भी चुनौती को पूरा करने में सक्षम थे.
अर्जुन अपने पराक्रम और बुद्धिमानी के साथ-साथ अपने प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए भी प्रसिद्ध थे. उनके व्यक्तित्व में अद्भुत तेज था.
अर्जुन बहुत अच्छी तरह से जानते थे कि किसी भी काम को करने का सही समय होता है और सही समय पर निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए.
अर्जुन के समान श्रेष्ठ धर्नुधारी और कोई नहीं था और वह असंभव सी लगने वाली स्फूर्ति से धनुष से बाण चलाते थे जो कि योद्धा का बड़ा कौशल होता है.
श्रीकृष्ण ने स्वयं गीता उपदेश में अर्जुन को मोह-माया छोड़कर अपने कर्म को महत्व देने की बात सिखाई थी और उन्होंने सुख दुख से परे होकर युद्ध लड़ा था.
Next:
महाभारत के इन फेमस कैरेक्टर से प्रेरित 10 नामों में से चुनें बेटे के लिए नाम
Click To More..