Sep 26, 2023, 09:30 PM IST
अर्जुन को महाभारत युद्ध का निर्णायक योद्धा माना जाता है. इतिहास में इस पांडव राजकुमार को सबसे बड़ा धनुर्धर बताया गया है. अर्जुन तेल या पानी में परछाई देखकर भी मछली की आंख भेदने में सक्षम थे.
श्रीकृष्ण को भारतीय जनमानस में भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. उन्हें विश्व का पहला कूटनीतिज्ञ भी माना जाता है, जिनके कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन को दिए उपदेश पर आधारित भगवदगीता आज भी सबसे जीवन व्यवहार में सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है.
द्रोपदी पांचों पांडव भाइयों की संयुक्त पत्नी थी, जिनके साथ दुर्व्यवहार का परिणाम ही महाभारत के युद्ध के तौर पर सामने आया था. द्रोपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की पुत्री थी और उस समय की सबसे सुंदर महिलाओं में थी.
दुर्योधन की चर्चा के बिना तो महाभारत पूरी ही नहीं हो सकती. हस्तिनापुर नरेश धृतराष्ट्र के सबसे बड़े पुत्र युवराज दुर्योधन इस बात का उदाहरण हैं कि कैसे एक हठ आपको सबसे शक्तिशाली होने के बावजूद सर्वनाश की तरफ धकेल देती है.
पांडव राजकुमारों में दूसरे नंबर के भीम को उस समय का ही नहीं बल्कि आज तक का सबसे शक्तिशाली योद्धा माना जाता है. गदा चलाने में माहिर भीम की शक्ति के उदाहरण आपको आज भी जगह-जगह उनके नाम पर रखे गए अनूठे स्थलों से मिल सकते हैं.
कर्ण पांडवों के ही भाई थे, लेकिन उनका लालन-पालन रथ चलाने वाले सारथी ने किया था. अर्जुन जैसे ही वीर धनुर्धर कर्ण को सबसे बड़ा दानवीर माना जाता है, जिन्होंने मौत के खतरे के बावजूद अपने अमोघ कवच-कुंडल दान दे दिए थे. कर्ण का दुर्भाग्य था कि वे सत्य की बजाय दुर्योधन के पाप की तरफ से युद्ध में लड़े थे.
पांडवों में सबसे बड़े भाई थे युधिष्ठिर, जिनके नाम के साथ धर्मराज जोड़ा जाता था, क्योंकि वे धर्म की राह पर चलते थे. युधिष्ठिर के लिए धर्म की राह प्राणों से भी ज्यादा बड़ी थी. कहा जाता है कि हर हालात में सत्य बोलने वाले युधिष्ठिर को अंत समय में लेने खुद इंद्र रथ आया था.