कौन है वो शख्स, जिसकी रही राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका
Kuldeep Panwar
550 साल बाद अयोध्या में रामलला अपने मंदिर की छत के नीचे विराजमान होने जा रहे हैं. राम मंदिर की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का हर किसी को इंतजार है.
सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर, 2019 को राम मंदिर निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद कोविड महामारी के बावजूद महज 4 साल में भव्य मंदिर लगभग तैयार हो चुका है.
राम मंदिर को इतने कम समय में तैयार करने में कुछ लोगों ने रात-दिन मेहनत कर अहम भूमिका निभाई है. इनमें से एक हैं नृपेंद्र मिश्रा. पूर्व IAS अफसर नृपेंद्र पीएम नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी हैं.
पीएमओ के प्रमुख सचिव रह चुके नृपेंद्र मिश्रा श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष भी हैं. 1967 बैच के रिटायर्ड IAS नृपेंद्र का जन्म 8 मार्च, 1945 को उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के गांव कसिली में हुआ था.
नृपेंद्र 3-3 विषयों केमिस्ट्री, लोक प्रशासन व राजनीतिक विज्ञान में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से PG डिग्री लेने के अलावा यूएस की हावर्ड यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाई कर चुके हैं.
विश्व व्यापार संगठन में स्पेशल सेक्रेटरी रहे नृपेंद्र ने नेपाल सरकार के सलाहकार के तौर पर भी काम किया है. वे वर्ल्ड बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक में भी काम कर चुके हैं.
नृपेंद्र मिश्रा 2006 से 2009 तक TRAI के चेयरमैन रहे थे. ये बात 2014 में उनके पीएम मोदी का प्रमुख सचिव बनने के आड़े आई तो सरकार ने ट्राई एक्ट में ही संशोधन कर दिया था.
उत्तर प्रदेश की राजनीति पर तगड़ी पकड़ रखने वाले नृपेंद्र ने मुलायम सिंह यादव और कल्याण सिंह जैसे मुख्यमंत्रियों के साथ काम किया है. इसी कारण वे पीएम मोदी को बहुत पसंद हैं.
पीएम मोदी को नृपेंद्र मिश्रा कितने पसंद हैं, ऐसे सोच सकते हैं कि उन्हें दोनों कार्यकाल में प्रमुख सचिव बनाया गया, जिसका काम PMO व कैबिनेट सचिवालय के बीच समन्वय बनाने का होता है. उन्हें कैबिनेट मंत्री की रैंक भी दी गई है.