तवायफ से रानी बनी इस बेगम ने किया राज, जान छिड़कते थे अंग्रेज और मुगल
Kavita Mishra
मुगल काल की कई तवायफ़ों के किस्से मशहूर हैं. कुछ ऐसी भी तवायफ हुईं, जिन्होंने राज किया. तवायफों का नाता संगीत, नृत्य, तहजीब, नफासत और कला से भी जोड़कर देखा जाता था.
आज हम आपको एक ऐसी तवायफ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 48 साल तक हुकूमत चलाई.
हम बात कर रहे हैं बेगम समरू की, जो पहले प्रेमिका, पत्नी और फिर सल्तनत की जागीरदार बनी.
कुछ इतिहासकारों के अनुसार, बेगम समरू की परवरिश दिल्ली-यूपी के कोठों में हुई. एक बार उन्हें एक कोठे पर फ्रांस का एक सैनिक वॉल्टर सौम्ब्रे देखता है और मोहित हो जाता है.
यही से दोनों के बीच प्यार हुआ और जीवनभर साथ रहने की कसम खाई. उन्होंने ईसाई रीति रिवाज से शादी कर ली. इसके बाद बेगम समरू बन गईं.
शादी के पांच साल बाद वॉल्टर रेनहार्ड की अचानक मौत हो गई. जिसके बाद वह बेगम समरू को सरधना का जागीरदार घोषित किया गया.
ह 3,000 से ज्यादा सिपाहियों, यूरोपियन अफसरों और गनर्स की सेनापति थी. उन्होंने कई बार मुगलों की मदद भी की थी.
वहीं अन्य बल्लेबाजों में मंदीप सिंह,केदार जाधव और स्टुअर्ट बिन्नी थी.
बेगम समरू का शासन अलीगढ़ से लेकर सहारनपुर तक चलता था. कुछ दिन बाद बेगम समरू ने इस्लाम छोड़ दिया और वह कैथोलिक ईसाई बन गईं.