Jan 11, 2024, 10:14 AM IST

पैरों में गिर जाएगा दुश्मन अगर मान लेंगे चाणक्य की ये बातें

Abhishek Shukla

चाणक्य की शत्रु नीतियों की मिसाल आज भी दी जाती है.

जानते हैं क्यों, क्योंकि उन्होंने अपने सबसे बड़े सम्राट धनानंद को मिट्टी में मिला दिया था.

चाणक्य ने कहा है, 'अनुलोमेन बलिनं प्रतिलोमेन दुर्जनम्, आत्मतुल्यबलं शत्रु: विनयेन बलेन वा.'

इस श्लोक में चाणक्य का बड़ा संदेश छिपा है.

चाणक्य का कहना है कि दुश्मन की  पहले समझें, फिर उस पर वार करें.

अगर शत्रु आपसे अधिक ताकतवर है तो ताकतवर ही बनकर उसका मुकाबला करें.

कमजोर दुश्मनों को भी मजबूत बनकर खत्म करें. 

बदले की भावना में जलें न, ऐसी नीति तैयार करें कि शत्रु को अपनी हार की भनक तक न लगे.

शत्रु के सामने अपनी कमजोरियों को भी मजबूती बनाकर पेश करें. शत्रु खुद हार मान लेगा.