Jan 7, 2024, 05:47 PM IST

सफलता चाहिए तो गांठ बांध लें चाणक्य की 10 बातें

Abhishek Shukla

अधिक धन का दान देकर कंगाल हो जाना मूर्खता है.

दुनिया की सबसे बड़ी मूर्खता अपनी कमजोरी के बारे में दूसरों को बताना है.

वासना के समान विनाशकारी कोई रोग नहीं है.

हुनर को छिपा हुआ खज़ाना कहा जाता है क्योंकि वह पराये देश में मां की तरह बचाकर रखता है.

किसी के कल का अंदाजा उसके आज को देखकर न लगाएं, समय काले कोयले को भी चमकदार हीरे में बदल देता है.

इंसान को ज्यादा ईमानदार नहीं होना चाहिए. सीधे पेड़ पहले काटे जाते हैं और ईमानदार लोगों का बलिदान पहले होता है.

जब तक शत्रु की कमजोरी का पता न चल जाए, तब तक उससे मित्रवत व्यवहार रखना चाहिए.

हमारा शरीर नाशवान है, धन बिल्कुल भी स्थायी नहीं है और मृत्यु सदैव निकट रहती है. इसलिए हमें तुरंत पुण्य के कार्यों में संलग्न होना चाहिए.

सांप, राजा, बाघ, डंक मारने वाला ततैया, छोटा बच्चा, दूसरे लोगों का कुत्ता और मूर्ख, इन सातों को नींद से नहीं जगाना चाहिए.

बुद्धिमान मनुष्य को बगुले के समान अपनी इन्द्रियों को वश में करना चाहिए और स्थान, समय तथा योग्यता का भली-भाँति ज्ञान करके अपना प्रयोजन पूरा करना चाहिए.