Sep 3, 2023, 03:09 AM IST

दिल्ली के लाल किले की 10 अनूठी बातें

Kuldeep Panwar

दिल्ली का लाल किला पूरी दुनिया में मशहूर है. इसे मुगल बादशाह शाहजहां द्वारा बनवाया हुआ माना जाता है.

शाहजहां ने लाल किले का निर्माण अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली ट्रांसफर करने के लिए कराया था.

किले का नाम 'किला-ए-मुबारक' था, लेकिन अंग्रेज लाल रंग के कारण इसे रेड फोर्ट कहने लगे और यह लाल किला बन गया.

लाल किले का निर्माण 1638 में शुरू होकर 10 साल बाद 1648 में पूरा हुआ था, तब यह तीन तरफ से यमुना नदी से घिरा हुआ था.

उस जमाने में लाल किले के निर्माण पर करीब 1 करोड़ रुपये खर्च किया गया था, जो मौजूदा वक्त में एक अरब से भी ज्यादा बैठेगा.

शाहजहां ने जन्नत की कल्पना करते हुए लाल किले में वैसे ही कुछ निर्माण कराए थे, जिन्हें अंग्रेजों ने ध्वस्त करा दिया था.

लाल किला वास्तव में लाल पत्थर के साथ सफेद चूने के पत्थर से बना था. इसमें दुनिया के बेशकीमती रत्न जड़े थे, जो अंग्रेजों ने चुरा लिए.

लाल किला कैंपस 255 एकड़ में है और 2.5 किलोमीटर व्यास वाली दीवार से घिरा है, जो शहर की तरफ 33 मीटर व यमुना की तरफ 18 मीटर ऊंची है.

लाल किला भी दुनिया की धरोहरों की सूची में शामिल है. यूनेस्को ने 2007 में इसे वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया था.

इसका डिजाइन आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी ने तैयार किया था, जिन्होंने ताजमहल का भी खाका खींचा था.

लाल किले का डिजाइन अष्टकोणीय है और इसमें दो गेट हैं. दिल्ली गेट से आम जनता की एंट्री होती है. लाहौरी गेट से VIP आते हैं.