द्रौपदी को इन गुणों की वजह से मिले थे कई और नाम, पांचवें के बारे में शायद ही जानते हों
DNA WEB DESK
द्रौपदी के बिना महाभारत की कथा संभव ही नहीं है और उनके चरित्र और गुणों की काफी चर्चा होती रहती है.
द्रौपदी को उनके रूप-गुण और सौंदर्य के साथ ही बहुत मजबूत विचारों वाली और हिम्मती महिला के तौर पर जाना जाता है.
क्या आप जानते हैं कि द्रौपदी को जीवन परिस्थितियों और अपने गुणों की वजह से कुछ नाम मिले थे, जानें उनके ऐसे ही 5 नामों के बारे में.
द्रौपदी को 'द्रौपदी' इसलिए कहा जाता था कि वे राजा द्रुपद की पुत्री थीं. द्रुपद नरेश ने द्रौपदी को बहुत लाड़-प्यार से पाला था.
द्रौपदी का एक नाम 'पांचाली' भी है और उन्हें यह नाम इसलिए मिला था क्योंकि राजा द्रुपद पांचाल देश के राजा थे. उन्हें पांचाल पुत्री भी कहा जाता है.
द्रौपदी कृष्ण को अपना अभिन्न सखा मानती थीं और इसलिए उन्हें 'कृष्णा' का भी नाम दिया गया था. चीरहरण के वक्त कृष्ण ने ही उनकी लाज बचाई थी.
द्रौपदी का एक नाम 'याज्ञनी' भी था, क्योंकि वे यज्ञ करने के बाद पैदा हुई थीं. कहा जाता है कि द्रौपदी का जन्म यज्ञ की ज्वाला से ही हुआ था.
अज्ञातवास के दौरान द्रौपदी ने राजा विराट के यहां उनकी पत्नी सुदेष्णा के सौंदर्य की देखरेख करने वाली के रूप में काम किया था और उन्हें सेरंध्री नाम मिला.
हालांकि, कुछ लोग कहते हैं कि वे राजा विराय के राज्य में सुगंध और इत्र बेचती थी इसलिए उन्हें सेरंध्री कहा जाता था.