Jan 21, 2025, 09:45 PM IST
भारत में अब तक कितनी महिलाओं को मिली मौत की सजा?
Rahish Khan
केरल की एक अदालत ने 24 वर्षीय महिला ग्रीष्मा को अपने बॉयफ्रेंड प्रेमी शेरोन राज की हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई है.
ग्रीष्मा ने 2022 में कीटनाशक दवा पिलाकर शेरोन राज की हत्या कर दी थी. कोर्ट ने इसे बेहद क्रूर गुनाह माना.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब भारत में किसी महिला को अपराध के लिए फांसी पर लटकाया जाएगा.
इससे पहले दो महिलाओं को जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा दी जा चुकी है.
आजाद भारत में रतनबाई पहली महिला थीं, जिन्हें साल 1955 में फांसी की सजा दी गई.
उन्हें 3 लड़कियों की हत्या के मामले में सजा-ए-मौत की सजा सुनाई गई. रतनाबाई ने पति से अवैध संबंधों के शक में तीनों लड़कियों की हत्या कर दी थी.
इसके बाद 2008 में शबनम दूसरी महिला थी. जिसे 2008 में परिवार के 7 लोगों की हत्या मामले में मौत की सजा दी गई.
शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिया था. राष्ट्रपति ने भी उनकी दया याचिका खारिज कर दी थी.
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