Electoral Bonds से अखिलेश और मायावती को कितना पैसा मिला?
Kuldeep Panwar
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SBI ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये चंदा देने और लेने का डाटा भारतीय चुनाव आयोग को दिया है, जो अब आयोग की वेबसाइट पर है.
चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर यह डाटा 14 मार्च को दो लिस्ट में अपलोड किया है. आयोग को SBI ने भी 2 पेन ड्राइव में डाटा दिया था.
पहली लिस्ट में चुनावी चंदा देने वाली कंपनियों का ब्योरा तारीख व रकम के साथ जारी किया है, जबकि दूसरी लिस्ट में किस पार्टी ने कब बॉन्ड कैश कराया, इसकी जानकारी है.
इस डाटा में देश के 25 राजनीतिक दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये चंदा मिलने की बात सामने आई है, जिसमें सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला है.
भाजपा को 60.60 अरब रुपये, जबकि ममता बनर्जी की TMC को 16.09 अरब रुपये मिले हैं. तीसरे नंबर पर 14.21 अरब रुपये के साथ कांग्रेस है.
SBI ने भारतीय चुनाव आयोग को 2019 से 2024 तक इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद और उसे कैश कराने की लिस्ट 426 पेज की रिपोर्ट में सौंपी है.
उत्तर प्रदेश की राजनीति में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और मायावती की बहुजन समाज पार्टी का दबदबा रहता है. इनका नाम भी SBI डाटा में है.
आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि एकसमय मायावती के जन्मदिन पर करोड़ों रुपये का चंदा लेने वाली BSP का नाम इस लिस्ट में एक बार भी नहीं है.
उत्तर प्रदेश की सत्ता कई बार संभाल चुकीं मायावती की पार्टी को किसी भी व्यक्ति या कंपनी ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिये एक नंबर में चंदा नहीं दिया है.
बसपा को चुनावी चंदा नहीं मिलने के दो कारण माने जा रहे हैं. पहला पार्टी को सारा चंदा गोपनीय दिया गया है और दूसरा पार्टी अपना जनाधार खो चुकी है.
इसके उलट अखिलेश यादव की सपा इस समय उत्तर प्रदेश में भाजपा को चुनौती देने वाली मुख्य विपक्षी पार्टी है. उसे जमकर चंदा मिला है.
लिस्ट में ADYAKSHA SAMAJVADI PARTY के तौर पर दर्ज सपा का नाम इस लिस्ट में 46 बार आया है यानी 46 लोगों या कंपनियों ने उसे चंदा दिया है.
SBI ने सु्प्रीम कोर्ट को बताया था कि 1 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 तक उसने 22,217 बॉन्ड बेचे थे, जिसमें 22,030 बॉन्ड भुनाए गए हैं.
SBI ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया था कि कंपनियों व निजी व्यक्तियों को जारी इलेक्टोरल बॉन्ड करीब 16,518 करोड़ रुपये कीमत के थे.