Jan 12, 2024, 11:50 PM IST

LOC हो या LAC, चीन-पाक को चुनौती देगा भारत का 'जोरावर'

Kuldeep Panwar

चीन और पाकिस्तान को पहाड़ी इलाकों में भारतीय सेना तगड़े तरीके से जवाब देने जा रही है. अप्रैल तक पहला स्वदेशी हल्का टैंक जोरावर (Zorawar Tank) भारतीय सेना को मिल जाएगा.

जोरावर टैंक का डेवलपमेंट ट्रायल शुरू हो गया है. DRDO ने बताया है कि टैंक में इंजन लगाकर उसे 100 किलोमीटर चलाकर देख लिया गया है. अप्रैल में इसके यूजर टेस्ट शुरू हो जाएंगे.

इस पहले स्वदेशी हल्के टैंक का डिजाइन DRDO ने ही बनाया है, जबकि इसका निर्माण L&T कर रही है. अब तक भारतीय सेना 59 जोरावर टैंक का ऑर्डर दे चुकी है.

1841 के चीन-सिख युद्ध के योद्धा जनरल जोरावर सिंह कहलूरिया के सम्मान में जोरावर नाम पाने वाले इस टैंक को रेगिस्तान से लेकर पहाड़ तक कहीं भी दौड़ा सकते हैं.

ऐसा माउंटेन टैंक पहले भारतीय सेना रूस से खरीदने वाली थी, लेकिन फिर उसे देश में ही डेवलप करने का निर्णय लिया गया और इसकी जिम्मेदारी DRDO को दी गई.

महज 25 टन वजन वाले इस टैंक को चलाने के लिए 3 लोगों की जरूरत होगी. खास बात ये है कि हल्का होने के कारण इसे हेलिकॉप्टर से उठाकर पहाड़ों पर कहीं भी तैनात कर सकते हैं.

इसका कवच इस तरह बनाया गया है कि इस पर बड़े हथियारों का भी असर नहीं होगा और अंदर बैठे लोग सुरक्षित रहेंगे. हल्का होने के कारण इसकी स्पीड ज्यादा होगी.

120 mm की नाल के साथ इसकी मारक क्षमता घातक है, जो ऑटोमैटिक लोडर से गोले अपलोड करेगी. इसमें रिमोट वेपन स्टेशन से अटैच 12.7 mm की हैवी मशीनगन लगाई गई है.

आधुनिक संचार क्षमता से लैस जोरावर टैंक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन इंटीग्रेशन, एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम, हाई डिग्री ऑफ सिचुएशनल अवेयरनेस जैसी तकनीक भी लगी होंगी.

ड्रोन विमानों के बढ़ते चलन को ध्यान में रखते हुए जोरावर टैंक में मिसाइल फायरिंग की क्षमता के साथ ही ड्रोन्स को निशाना बनाने वाला सिस्टम और वार्निंग सिस्टम भी लगा है.

चीन की तरफ से लद्दाख में LAC पर 33 टन के हल्के टैंक तैनात किए हैं. इसके बाद भारतीय सेना ने हल्के टैंक खरीदने की प्रक्रिया तेज की है.

59 जोरावर टैंक के अलावा भी भारतीय सेना 295 टैंक खरीदने की प्रक्रिया में है, जिसके लिए 6 से 7 कंपनियां अपने टैंक ऑफर कर रही हैं. ऐसे में जोरावर टैंक के परीक्षण भी तेज किए गए हैं.