Apr 18, 2024, 09:17 AM IST
श्रीराम के ललाट पर किन वैज्ञानिकों ने किया राजतिलक
Kavita Mishra
यूपी के अयोध्या में राम मंदिर में विराजमान रामलला का सूर्य अभिषेक रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर हुआ.
सूर्य की किरणें रामलला के चेहरे पर पड़ीं और करीब 75 मिमी का टीका राम के चेहरे पर बना.
12 बजकर एक मिनट से 12 बजकर 6 मिनट तक सूर्य अभिषेक होता रहा. पूरे पांच मिनट तक यह प्रक्रिया चली.
यह प्रक्रिया वैज्ञानिकों के लिए आसान नहीं था. क्या आप जानते हैं कि श्रीराम के ललाट पर किन वैज्ञानिकों ने राजतिलक किया है.
इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बेंगलुरु की प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) ने की थी.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के दौरान गर्भगृह परिसर में इन वैज्ञानिकों ने सूर्यतिलक की व्यवस्था थी.
जिससे गृर्भगृह में बालकराम के माथे के बीच में सूर्य की यह किरणें प्रकाशित हो सके.
इसरो के सूर्य मिशन और उसकी स्टडी करने के लिए आदित्य एल-1 को पूरा करने में आईआईए के वैज्ञानिक शामिल थे.
रामलला के ललाट पर तिलक लगाने के लिए गृर्भगृह में वैज्ञानिकों ने ऑप्टिकल मैकेनिकल सिस्टम की व्यवस्था की थी.
गृर्भगृह में बालक राम के माथे पर सूर्य की किरणों को मस्तिष्क तक पहुंचाने के लिए चार लेंस और चार शीशे की सहायता ली गई.
इस सिस्टम को अस्थाई रूप से लगाया गया है. मंदिर का काम पूरा होने के बाद इसे स्थाई रूप से व्यवस्थित कर दिया जाएगा.
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