Nov 30, 2023, 03:04 PM IST
जहांगीर क्यों था कुछ लोगों के लिए इंसाफ का देवता
DNA WEB DESK
मुगल बादशाह जहांगीर अपने वसूलों का पक्का था.
कहते हैं कि जहांगीर के दरबार हमेशा फरियादियों के लिए खुला रहता था.
उसके दरबार में एक न्याय की जंजीर थी जिसे खींचकर कोई भी इंसाफ मांग सकता था.
वह अकबर का बेटा था और उसका असली नाम सलीम था.
कुछ लोग जहांगीर को जिंदा पीर भी कहते थे.
अकबर के बाद जब सलीम ने सत्ता संभाली तो उसे जहांगीर कहा गया है, जिसका मतलब है कि दुनिया जीतने वाला शख्स.
जहांगीर की क्रूरता और उसकी दरियादिली दोनों मशहूर है. वह अपने इंसाफ के लिए जाना जाता था.
जहांगीर ने आगरे के किले शाहबुर्ज और यमुना तट पर मौजूद पत्थर के खंबे में एक सोने की जंजीर जहांगीर ने बंधवाई थी. इसमें 60 घंटियां थीं.
इसे न्याय की जंजीर के तौर पर लोग जानते हैं, फरियादी इसे खींचकर ही इंसाफ मांगते थे.
उसके बारे में कहा जाता था कि वह दूसरे मुगल शासकों की तुलना में कम क्रूर था और इंसाफ पसंद आदमी था.
हालांकि उसने जो खुसरो और गुरु अर्जन देव के साथ जो किया वह मुगल सल्तनत पर किसी कलंक की तरह है, जिसे कोई नहीं धुल पाया.
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