Sep 10, 2024, 02:33 PM IST
महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक की क्या थी महानता
Anamika Mishra
हल्दीघाटी के युद्ध में मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच जमकर युद्ध हुआ था.
इस युद्ध के दौरान महाराणा प्रताप सहयोगी माना जाने वाला उनके घोड़े 'चेतक' का नाम भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.
माना जाता है की चेतक बहुत ही समझदार और वीर घोड़ा था.
हल्दीघाटी के युद्ध में मुगल सेना से महाराणा प्रताप की रक्षा करने के लिए चेतक 26 फीट गहरे दरिया से कूद गया था.
चेतक घोड़े की सबसे खास बात थी कि, महाराणा प्रताप ने उसके चेहरे पर हाथी का मुखौटा लगा रखा था, ताकि युद्ध मैदान में दुश्मनों के हाथी को भ्रमित कर सकें.
एक बार युद्ध के दौरान चेतक उछलकर हाथी के मस्तक पर चढ़ गया था.
हाथी से उतरते समय चेतक का एक पैर हाथी की सूंड में बंधी तलवार से कट गया था.
अपना एक पैर कटे होने के बावजूद महाराणा को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए चेतक बिना रुके पांच किलोमीटर तक दौड़ाता रहा.
चेतक सिर्फ एक योद्धा अश्व ही नहीं, बल्कि वह महाराणा प्रताप का दोस्त और बेमिसाल सहयोगी था.
आज भी चित्तौड़ की हल्दी घाटी में चेतक की समाधि बनी हुई है.
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