Mar 2, 2024, 11:29 PM IST

Mahabharat के कंस मामा की 10 अनसुनी बातें, जो चौंका देंगी आपको

Kuldeep Panwar

महाभारत में श्रीकृष्ण के मामा कंस थे, जिनके बारे में शायद ही किसी ने नहीं सुना होगा. आज भी हर क्रूर मामा को कंस ही कहकर बुलाते हैं.

महाभारत के मुताबिक, मथुरा का राजा कंस एक भविष्यवाणी से डरकर चचेरी बहन देवकी और उसके पति वसुदेव को बंदी बना लेता है.

भविष्यवाणी थी कि देवकी की 8वीं संतान उसे मारेगी. इस कारण कंस उसकी 7 संतानों का वध करता है, पर श्रीकृष्ण चमत्कार से गोकुल में यशोदा के पास पहुंच जाते हैं.

गोकुल में यशोदा मैया के बेटे बने श्रीकृष्ण मथुरा आकर कंस का वध करते हैं. कंस के बारे में इससे भी अलग 10 खास बातें हम आपको बता रहे हैं.

कंस और श्रीकृष्ण के बीच का बैर देवताओं-असुरों के बीच युद्ध के समय से था, जहां भगवान विष्णु ने कंस के पूर्व जन्म के रूप का वध किया था.

कंस पूर्व जन्म में विरोचन राक्षस का पुत्र 'कालनेमि' असुर था, जिसका वध भगवान विष्णु ने किया था. श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार थे.

असुर के तौर पर भगवान के हाथों वध होने से कालनेमि को इंसानी जीवन मिला था और उसने उग्रसेन के पुत्र कंस के रूप में जन्म लिया था.

श्रीकृष्ण की मां देवकी कंस की चचेरी बहन थीं. कंस के 8 सगे भाई न्यग्रोध, सुनामा, कंक, शंकु अजभू, राष्ट्रपाल, युद्धमुष्टि व सुमुष्टिद और 5 सगी बहनें कंसा, कंसवती, सतन्तू, राष्ट्रपाली व कंका थीं. 

कंस ने मगध के राजा जरासंध की दो पुत्रियों अस्ति और प्राप्ति से ब्याह किया था. जरासंध वही योद्धा है, जिसे भीम ने दो भागों में चीरकर मारा था.

कंस का अप्रत्यक्ष रूप से आधे भारत पर राज था. वह मथुरा ही नहीं अंधक, अहीर, भोज, गौर आदि 106 कुलों के यादव गणराज्य का राजा था.

कंस के ससुर जरासंध का बड़ा साम्राज्य था. पूर्वोत्तर का राजा भगदन्त भी कंस के आगे सिर झुकाता था, जबकि कौरवों के साथ उसकी गहरी दोस्ती थी. 

कंस महाभारत का दुष्ट पात्र  है, पर भारत में कई जगह उसकी पूजा होती है. उत्तर प्रदेश में लखनऊ से हरदोई के बीच कुछ जगह उसे पूजते हैं.

ओडिशा में बाकायदा 'कंस महोत्सव' मनाया जाता है, जिसमें 10 दिन के लिए कंस ही ओडिशा का राजा होता है और उसका दरबार सजता है.

कहा जाता है कि ओडिशा में इन 10 दिन के दौरान यदि कंस की भूमिका निभा रहा पात्र राज्य के मुख्यमंत्री को तलब करे तो उन्हें भी आना पड़ता है.