Nov 30, 2023, 02:45 PM IST

महावीर अर्जुन को क्यों किन्नर बन काटन पड़ी थी सजा 

DNA WEB DESK

अर्जुन को महाभारत का सबसे बड़ा और पारंगत योद्धा माना जाता है क्योंकि वह युद्ध कला में निपुण होने के साथ ही बहुत अचूक निशाना भी लगाते थे.

दरअसल राजपाट गंवाने के बाद शर्त के मुताबिक पांडवों को 12 साल का वनवास और 1 साल का अज्ञातवास भी मिला था.

अज्ञातवास में युधिष्ठिर ब्राह्मण, भीम रसोइया, अर्जुन किन्नर, नकुल घोडों के रखवाले, सहदेव चरवाहा और द्रौपदी दासी बन गई थीं. 

हालांकि, अर्जुन के बारे में कम ही लोगों को पता है कि एक श्राप की वजह से उन्हें किन्नड़ बनकर भी रहना पड़ा था. 

दरअसल अप्सरा उर्वशी ने अर्जुन को यह श्राप दिया था और इस वजह से पांडव जब एक साल तक अज्ञातवास में रहे थे तब अर्जुन ने किन्नड़ वृहनलला का रूप धरा था. 

द्रौपदी के रूप और गुण से प्रभावति होकर राजा विराट की पुत्री ने कुछ ही दिन में उन्हें अपनी प्रमुख परिचारिका बना लिया था. 

अज्ञातवास में दुर्योधन ने अर्जुन और बाकी पांडवों को ढूंढ़ने की पूरी कोशिश की थी लेकिन नाकामयाब रहा था.

अप्सरा उर्वशी ने जब अर्जुन को देखा तो वह उन पर मोहित हो गई थी लेकिन अर्जुन ने उनका प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया. 

इससे नाराज होकर अर्जुन को किन्नड़ बनने और नपुंसक होने का श्राप दिया था लेकिन यह वर भी दिया कि इस श्राप का अपनी सुविधा से इस्तेमाल कर सकेंगे.