Nov 22, 2023, 03:09 PM IST

मत्स्यगंधा कौन थीं, जिन पर फिदा थे महर्षि पराशर और राजा शांतनु

DNA WEB DESK

मत्स्यगंधा कुरुवंश की वह महिला थी जिसने भीष्म पितामह का जीवन संवार दिया था.

वह न चाहते हुए भी भीष्म को विश्व का महानतम योद्धा बना गईं. नतम योद्धा बना गईं.

महर्षि पराशर से संसर्ग के बाद इनके शरीर की दुर्गंध खत्म हो गई थी.

ऋषि परासर और मतस्यगंधा के मिलन से महर्षि कृष्णद्वैपायन पैदा हुए.

किंतु मतस्यगंधा कुंवारी ही रहीं. उनका नाम सत्यवती हुआ और राजा शांतनु उन पर दिल हार बैठे.

सत्यवती ने विवाह के लिए शर्त रख दी कि उनकी कोख से जन्मा पुत्र ही राजा होगा, जबकि राजा के पहले पुत्र देवव्रत सबसे योग्य राजकुमार थे.

पिता चिंता में पड़े तो देवव्रत ने आजीवन ब्रह्मचारी रहने की शपथ ले ली. 

यही वजह है कि देवव्रत की ख्याति अनंत हो गई, उनका नाम  भीष्म पड़ गया. उनके पिता ने उन्हें इच्छामृत्यु का वरदान दे दिया.

सत्यवती के एक संकल्प की वजह से भीष्म महाभारत के सबसे महान योद्धा बन गए.