Dec 22, 2023, 12:25 AM IST

जोरू के गुलाम थे ये मुगल बादशाह, नाचते थे बेगम के इशारे पर

Kuldeep Panwar

हिंदुस्तान के इतिहास में मुगल सल्तनत को सबसे ताकतवर राजवंश के तौर पर जाना जाता है. करीब 400 साल तक मुगलों की हुकूमत आधे से ज्यादा हिंदुस्तान पर चलती रही थी.

मुगलों की ताकत इतनी ज्यादा थी कि उनके बादशाहों के दरबार में तमाम राजा चौकीदार की तरह खड़े रहते थे. बादशाह के एक हुक्म पर राजकाज पलट जाते थे.

क्या आप जानते हैं कि बेपनाह ताकत रखने वाले मुगल बादशाह अपनी खास बेगमों के इशारे पर नाचा करते थे. इतिहास में इन बादशाहों को जोरू का गुलाम कहा गया है. हम आपको ऐसे ही 5 बादशाहों के बारे में बताते हैं.

सबसे पहले हम बादशाह अकबर की बात करेंगे, जिनके हरम में 5,000 महिलाएं थीं. लेकिन अकबर पर हुक्म केवल बेगम मरियम उज जमानी यानी जोधाबाई का ही चलता था.

बादशाह जहांगीर की मां जोधा ही बादशाह अकबर के राजकाज में बाद के दिनों में दूसरे राजाओं के साथ सभी तरह के समझौते तय करने लगी थीं.

बादशाह जहांगीर की बेगम बनने का मौका एक मुगल सरदार की पत्नी नूरजहां को मिला था. मुगल सरदार की मौत के बाद जहांगीर ने नूरजहां से विवाह किया था.

नूरजहां को मुगल इतिहास की सबसे ज्यादा ताकतवर महिला माना गया है. नूरजहां मुगल सरदारों के साथ बैठकर राजकाज की नीति तय करती थी. पर्दे के पीछे से जहांगीर का शासन नूरजहां ही चला रही थीं.

आगरा का ताजमहल सभी के याद है, लेकिन जिस बेगम मुमताज के नाम पर मुगल बादशाह शाहजहां ने संसार के 8 अजूबों में से एक ताजमहल को बनवाया था, उनकी कहानी शायद आपको याद नहीं होगी.

मुमताज महल को भी सियासत की बेहद जानकारी थी. मुमताज महल शाहजहां को सियासती सलाह देती थीं, जिसके आधार पर मुगल बादशाह अपनी रणनीति तय करता था.

बादशाह हुमायूं की बेगम और बादशाह अकबर की मां हमीदा बेगम भी बेहद शक्तिशाली थीं. कहा जाता है कि हुमायूं का हर कदम हमीदा बेगम की सियासती सलाह से ही तय होता था.

अकबर भले ही जोधाबाई के इशारे पर नाचते थे, लेकिन उनकी एक और बेगम रूकैय्या का भी जलवा कम नहीं था. रूकैय्या के मुंह से निकलने वाली हर बात को अकबर पूरा कराते थे.