Jul 24, 2024, 07:17 AM IST

किसके डर से तीन दिन किले में छिपा रहा था अकबर

Kuldeep Panwar

मुगल बादशाह अकबर को इतिहास में बेहद बहादुर योद्धा बताया गया है, लेकिन एक बार अकबर कुछ सौ लड़कों के खौफ से तीन दिन तक अपने किले में छिपा रहा था.

यह किस्सा मुगल-सिख संबंधों का है. अकबर के सिखों से अच्छे संबंध थे. तीसरे गुरु अमरदास से अकबर खुद आकर मिला था और उन्हें कई गांव भी भेंट किए थे.

अकबर की भेंट की हुई जमीन पर ही चौथे गुरु रामदास ने 1577 में अमृतसर बसाया था और स्वर्ण मंदिर का निर्माण शुरू कराया था.

सिखों के साथ इतने अच्छे संबंधों के बावजूद एक बार अकबर को महज 500 सिख लड़कों से डरकर तीन दिन तक अपने किले में छिपे रहना पड़ा था.

कहा जाता है कि अकबर कुछ समय के लिए सिख इलाकों में एक किले में रहे थे. वे रोजाना सिख लड़कों को व्यायाम करते हुए देखते थे. 

अकबर उन सिख लड़कों से कई बार मिलने भी जाते थे और उन्हें अपनी फौज में शामिल होने के लिए कहते थे, जिसे सिख लड़के टाल जाते थे.

एक बार अकबर ने सिख लड़कों से कहा कि आपके पास इतनी शक्ति है कि आप मुझसे अपने खुदा की तरह प्यार कर सकते हैं. 

सिख लड़कों ने बादशाह को साफ इनकार करते हुए गर्व से कहा कि वे अपने वाहे गुरु के अलावा किसी से खुदा की तरह प्यार नहीं कर सकते.

अकबर इस पर नाराज हो गया और उसने उन सिख लड़कों को तीन दिन के लिए अपने किले के महल में बंद करने की सजा सुना दी.

मुगल सैनिकों ने लड़कों को अपनी हिरासत में ले लिया. इस बात की खबर फैलते ही 500 सिख लड़के किले पर पहुंच गए और उसे घेर लिया.

मुगल सैनिकों को उन लड़कों ने पल भर में धूल चटा दी. इससे खौफजदा होकर अकबर अपने किले के अंदर घुस गया और उसे बंद करा दिया.

सिख लड़कों ने तीन दिन तक किले को घेरे रखा. अकबर डरकर अंदर ही बंद रहे. तीन दिन बाद उन्होंने किले का घेरा हटा दिया.

सिख लड़कों ने इसके बाद अकबर से बादशाह के तौर पर किले से बाहर आने की गुजारिश की और कहा कि आपकी 'सजा' पूरी हो गई है.

बताते हैं कि अकबर ने नाराज होने के बजाय कहा कि मुझे ये सीख मिली है कि जबरदस्ती नहीं संवाद से ज्यादा बेहतरीन संबंध बन सकते हैं.

कहते हैं कि इसके बाद ही अकबर ने राज्यों को हमले करके जीतने के बजाय बातचीत के जरिये राजाओं को अपने साथ जोड़ने की कवायद शुरू की थी.