Nov 22, 2023, 05:17 PM IST

अपने बाप की लवर से ही इश्क कर बैठा था ये मुगल बादशाह

Kuldeep Panwar

मुगल बादशाह अपने हरम में हजारों लड़कियों को रखने के लिए चर्चित थे, लेकिन उन लड़कियों में से भी कुछ उनकी इतनी खास बन जाती थी कि किस्सा मोहब्बत तक पहुंच जाता था.

एक मोहब्बत का किस्सा सलीम-अनारकली का भी है, जिस पर बॉलीवुड कई फिल्म तक बना चुका है. हम यही जानते हैं कि बादशाह अकबर इससे खुश नहीं थे, लेकिन बात कुछ और भी थी.

क्या आप जानते हैं फिल्मों में नाचने वाली दिखाई गई अनारकली सलीम से भी पहले बादशाह अकबर की महबूबा थी. दोनों का एक बेटा सुल्तान दानियाल भी था.

मुगल बादशाह अकबर और अनारकली की मोहब्बत के बारे में उस दौर के एक विदेशी यात्री विलियम फिंच ने यात्रा वृतांत में लिखा है. फिंच ने अनारकली को अकबर की ऐसी पत्नी लिखा है, जिसे अकबर बेहद चाहते थे.

फिंच की बात सही मानी जाए तो अकबर के बाद बादशाह जहांगीर बने सलीम ने अपने ही पिता की महबूबा नहीं बल्कि अपनी सौतेली मां के साथ इश्क फरमाया था. 

कुछ इतिहासकारों के मुताबिक, अनारकली के जिस्मानी रिश्ते भावी बादशाह सलीम के साथ भी बन गए थे और अकबर इसी कारण उससे भड़क गए थे.

अकबर ने सलीम के साथ संबंधों की नाराजगी के कारण ही अनारकली और उसके बेटे दानियाल को जिंदा ही दीवार में चुनवाकर मौत की सजा दी थी.

हालांकि यह माना जाता है कि सलीम ने बादशाह जहांगीर बनने पर भी अनारकली की मोहब्बत याद रखी थी और उसकी अस्थियां निकलवाकर लाहौर में उसका मकबरा बनवाया था.

अनारकली का मकबरा आज भी पाकिस्तान के लाहौर में मौजूद है, जिसमें एक कब्र मौजूद है. हालांकि कुछ इतिहासकार इसे अनारकली के बजाय जहांगीर की कई बेगमों में से एक साहेब-ए-जमाल का मकबरा मानते हैं.

इस कब्र पर फारसी भाषा में 1008 (वर्ष 1599) और 1024 (वर्ष 1615) खुदा हुआ है. अनारकली और साहेब-ए-जमाल दोनों की मौत 1599 में हुई थी. साहेब-ए-जमाल की मौत लाहौर में ही हुई थी.

1615 को इस मकबरे के पूरा होने का साल माना जाता है. इस कब्र पर लिखा है, काश मैं अपने प्यार का चेहरा एक बार और देख सकता. नीचे मजनून सलीम अकबर यानी अकबर का बेटा सलीम भी लिखा हुआ है.

DISCLAIMER: यह पूरी जानकारी मान्यताओं व कुछ इतिहासकारों द्वारा लिखित कहानियों पर आधारित है. इसकी सत्यता की पुष्टि Dnaindia Hindi नहीं करता है.