Aug 3, 2024, 10:57 AM IST

बेटे की जान के लिए इस मुगल बादशाह ने चढ़ाई बलि

Anamika Mishra

बाबर ने 1526 में भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की थी. 

मुगल बादशाहों की एक नहीं कई बेगम होती थीं और उनसे कई औलादें पैदा होती थीं, लेकिन तख्त पर बैठने वाला एक ही होता था. 

बाबर के भी कई बेटे थे जिनमें से सबसे बड़ा हुमायूं था, इसी तरह हुमायूं का बड़ा बेटा अकबर

अकबर का बेटा जहांगीर, जहांगीर का बेटा शाहजहां और ऐसे ही सिलसिला चलता रहा. 

एक बार हुमायूं की तबीयत बेहद खराब हो गई, सबको ऐसा लगा कि हुमायूं की जान बचना अब मुश्किल है. 

काफी इलाज करवाने के बाद भी हुमायूं की तबीयत ठीक होती नजर नहीं आ रही थी, इसके बाद मुगल सम्राट बाबर ने अपने बेटे हुमायूं की जान बचाने के लिए प्रार्थना की. 

अंत में जब कुछ काम नहीं आया तो बाबर ने प्राचीन अनुष्ठान का सहारा लेते हुए अपने जीवन को दांव पर लगाने का निर्णय लिया. 

उसने कहा कि अगर जान के बदले जान मिल सकती है तो वह अपने सबसे प्यारे बेटे हुमायूं की जान के बदले अपनी जान दे देगा. 

इस अनुष्ठान के बाद हुमायूं की तबीयत में सुधार होने लगा और बाबर की तबीयत बिगड़ गई और अंत में बाबर ने अपने प्राण त्याग दिए.