Jul 20, 2024, 04:48 PM IST

कैसे बदल गई मुगल बादशाहों की राजभाषा

Aditya Prakash

मुगल साम्राज्य की आधिकारिक भाषा फारसी थी क्योंकि पहला मुगल बादशाह बाबर अफगानिस्तान से आया था.

बाबर की मातृभाषा तुर्की थी. लेकिन राजभाषा के तौर पर वो फारसी का इस्तेमाल करते थे.

फारसी ईरान की मूल भाषा है और अफगानिस्तान में भी इसका प्रयोग किया जाता था.

मुगल भारत जब आए, तब वो अपने साथ फारसी भाषा भी अपने साथ ले आए. 

मुगल काल में फारसी, तुर्की और उर्दू को बहुत महत्वपूर्ण भाषा के रूप में जाना जाता था.

दिल्ली सल्तनत ने बाद से सालों में अपनी राज भाषा को फारसी से उर्दू के रूप में बदल दिया.

18वीं और 19वीं सदी में मुगल रियासतों ने उर्दू को अपना राजभाषा बना लिया. इस तरह से समय-समय पर मुगलों की राज भाषा बदलती गई.