Mar 22, 2025, 11:14 PM IST

मुगल हरम के कुओं का क्या था 'डर्टी' सच

Kuldeep Panwar

मुगल सल्तनत भारत में सबसे लंबे समय तक कायम रहने वाली मुस्लिम बादशाहत थी, जिसका राज करीब 400 साल तक दिल्ली पर रहा था.

मुगल बादशाहों की बहादुरी जितनी ही चर्चित उनकी अय्याशी भी रही हैं. खासतौर पर बाबर से बहादुरशाह तक मुगल हरम बेहद चर्चित रहे है.

मुगल हरम में बादशाह अपनी बेगमों के अलावा उन रखैलों को भी रखता था, जिन्हें दूसरे राजाओं से छीनकर या तोहफे में हासिल किया जाता था.

मुगल हरम प्रतिबंधित स्थान होता था, जहां किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश निषेध होता था. हरम की बहुत कम बातें बाहर तक आ पाती थीं.

मुगल हरम की देखभाल का काम बादशाह किन्नरों को देते थे, क्योंकि हरम में किसी भी बाहरी पुरुष के प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा होता था.

मुगल हरम के कुछ 'डर्टी सीक्रेट' भी होते थे, जिन्हें पूरी दुनिया से छिपाकर रखने के लिए ही वहां किसी बाहरी के प्रवेश करने पर रोक होती थी.

वास्तव में मुगल हरम बादशाहों की रंगरेलियों के अड्डे होते थे, जहां पूरी रात नाच-गाना चलता था और मुगल बादशाह अपनी हवस मिटाते थे.

मुगल हरम में इतिहासकारों को कुएं भी बने मिले हैं. इन कुओं का भी बेहद 'डर्टी सीक्रेट' था, जिसके चलते इन्हें हरम के अंदर बनाया जाता था.

दरअसल मुगल बादशाह हरम की जिस दासी, किन्नर या रखैल से नाराज होते थे तो उन्हें इन कुओं के पानी में डुबोकर मौत की सजा दी जाती थी.

मुगल हरम के तहखानों में कुओं के साथ फांसीघर भी मिले हैं. माना जाता है कि साजिश रचने वाले किन्नरों या दासियों को यहां फांसी दी जाती थी.

हरम के तहखानों में फांसी पर लटकाकर मारे जाने वाली रखैल, किन्नर या दासी की लाश को बाद में कुओं में ही पत्थरों से डुबो दिया जाता था.